Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
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[१७५
२१०७-२१२१]
ओसवाळांरी वाता २१०७ नागोररो सुराणो पूजो, पूजारो कुजो, कुजारो सतीदास, सतीदासरी बेटी
सुसाणी जिणरी सगाई दुगडारै किवी ही उवा कवारी हीज बीकानेररै गाव मोरखाण जमीमे प्रवेस कर गयी इणरो वडो देवळ है - मूरखाणे
इणनू सुराणा दुगड दोनू पूजै है। २१०८ खाटूरो परमार खीवसी जतीरा उपदेससू वाणियो हुवो उणरै वसरा
खीवसरा वीसळपुर अकण जोधपुररा अकणरा उदेपुर राणाजीरा
कामेती है। २१०९ पूगळियो मुहतो फळोधी राव हमीररो कामेती राव हमीररी सभामे बैठो
उणरै बेटो हुवो जद वधाई दिवी उण वेळा भैरवी बोली. रावजी पूगळिया मुहतान कह्यो - इणरो नाम कोचर दीजो, इणरो घणो परवार बधसी, ओ भागधारी हुसी, यू हीज कियो कोचर मुहतारा हमै मारवाडमे तीन सै
घर है। २११० अक जगडू वधमानरो, दूजो जगड सोलावत हुवो। २१११. विमळसा उदै भाणरो पोरवाळ । २११२ वसतुपाळ, तेजपाळ, मालदे, लूणा - च्यारू आसराजरा बेटा । २११३ वस्तुपाळ तेजपाळ देलवाडै जिणमदिर करायो जिणनू अठार करोड रुपिया
लागा। २११४ आबू माथै गाव देलवाडो विमळसाह जिनमदिर करायो जिणनू नव किरोड
नै किताईक लाख रुपिया लागा है। २११५ खरवै तपरो बेटो भैसोसाह आभानगरी हुवो । २११६ माडूरो नाम आभानगरी है । २११७ भैसोसाह जातरो गधइयो हो जिण सवत ९८८ २११८ अणलपुर पाटणमे गुजरातरा वाणियानू वैक छकिया। २११९ रायमल वैद मुहतो सोजत हुवो वीरमदेजीरै काम आयो सिर पडिया जूझियो कबध हुय बेटानू मारियो सायर -
मुहता माटी मारका, घररा गणे न पारका । २१२० पतो वैद मुहतो सिवाणै कला रायमलोतरै काम आयो । २१२१ वैद मुहतो पतो अजावत सिवाणै कलाजीरै काम आयो सायर -
पडियै सिर दीधो पातो कुभट गिरवर ।

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