Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
View full book text
________________
१५०] वांकीदासरी स्यात
[१७७४-१७८४ १७७४ रामदत्त नै विजमाणक दोनू हाथी कोटारा महाराव गुमानसिंघजीरा लड़िया। १७७५ अजीतसिंघजीरो तीजो बैटो सरूपसिंघजी अणतै रह्यो । १७७६. धधवाड़िया भोपतरामनू कोटार माहरावजी कोटासू तीन कोस गाव कोटड़ी, ___ तीन हजार घरारी वसती, उवा तावापतर कर दिवी. कोटारा राजमें
जालमसिंघ पहला भोपतराम मुसाहिब हुतो।। १७७७ दिखणियांरी फौजसू जगमे भागो सायद – भोपड़ो गूधरा तोड़ भागो।
सोनगरा १७७८ चहुवाण कान्हड़दे सावतसिंघरो वेटो जिण संवत १३६८ वैसाख सुद६
गुरुवार जाळोरगढ साको कियो। १७७९ सवत १३५६ सोनिगरै कान्हडदे साको कियो जाळोर अलाउदीन लियो जद। १७८० साचोर १, थिराद २, काकरणधर ३, वाराही ४, कछ ५, गेहडी ६,
ऊमरकोट ७, वीकमपुर ८, जेसळमेर ९, वधनोर १०, पारकर ११, पूगळ १२, मारोठ १३, साळकोट १४, जांगळू १५, जाजासहर १६, सारण १७, हासेर १८, वावरो १९, सोजत २०, डोडियाळ २१, रीणक २२, काछेल २३, त्रिसीगडो २४, आव २५, भीलडी २६, सिवाणो २७, तारंगो २८, राडद्रह २९, सूधो ३०, मेहवो ३१, भाद्राजण ३२, मंडोवर ३३, सूराचंद ३४ -
इत्यादिक ठिकाणासू कान्हड़दे भड तेडाया। १७८१ सोनगरा कान्हडदेसू जाळोररा महाजनां अरज कीवी. रामो साफड़ियो
वोलियो - मूग चोखा जव काठा गेहू साठ वरस ताई हू पूरीस.जैतसी दोसी कहै - कपडा साठ वरस हूं पूरीस. भोळे साह कह्यो - असी वरस तेल हूं पूरीस मोलहण साह बोलियो-तीस वरस ईधण हू पूरीस भीमैसाह कह्योम्हारै इतो गुळ है, अठारै वरस ताई ढीकली गुळरा हीज गोळा चलावो.
सादूसाह कह - म्हारै व्हीरा पहल भरिया है। १७८२ जाळोररो गढ दहिये वीकै भेळायो अलाउदीनरा नायबांसू मिलने । १७८३. सोनगरा कान्हडदेरै भड- भाई मालदे १, वेटो वीरमदे २, जैत वाघेलो ३,
जैत देवडो ४, लूणकरण माल्हण ५, सोभित देवडो ६, अजैसी ७, सहज
पाळ ८ - इत्यादिक । १७८४. वीरमदे वांस सुण काज, अउठ दिहाडा कीघो राज।
.............॥

Page Navigation
1 ... 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233