Book Title: Anuyogdwar Sutra Part 01
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 10
________________ ও যৰিব ধীরুল কা দিত। १८ द्विपद संबंधी द्रव्योपक्रम का निरूपण ९ चतुष्पद विषयक दोनों प्रकार के उपक्रम का निरूपण ५. अपर वियप दोनों प्रकार के उपक्रम का निरूपण ५१ अपित्त द्रव्योपक्रम का निरूपण ५२ मिश्रा द्रव्योपक्रम का निरूपण ५३ क्षेत्रोपक्रम का निरूपण ५४ कालोपक्रम का निरूपण ५५ नो आगम से मावोपक्रम का निरूपण ५६ शाखामावोपक्रम का निरूपण ५७ जानुपूर्वी पादि के सरूप का निरूपग ५८ नामादि आनुपूर्वी का निरूपण ५९ अनौपनिधिकी द्रव्यानुर्वी का निरूपण ६० नंगमव्यवहारअर्थपदका निरूपण ६१ मानसपुत्कीर्तनता का निरूपण ६२ मनोपदर्शनता का निरूपण ६३ समंवतार के स्वरूप का निरूपण ६४ अनुगमके सरूा का निरूपण ६५ सत्पद का निरूपण ६६ द्रव्यप्रमाण का निरूपण ६७ क्षेत्रममाण का निरूपग ६८ स्पर्शनाद्वार का निरूपण ६९ कालद्वार का निरूपग ७० अन्तरद्वार का निरूपग १ भागद्वार का निरूपण ७२ माबद्वार का निरूपण २५४-२५७ २५७-२५९ २६०-२६१ २६१-२६२ २६२-२६३ २६३-२६५ २६६-२६९ २६९-२७१ २७१-२८४ २८४-२८५ २८६- . .. २८७-३०४ ३०५-३१६ ३१७-३१९ ३१९-३२७ ३२७-३३४ ३३५-३३९ ३३९-३४३ ३४३-३४४ ३४५-३४७ ३४८-३५५ ३५५-३६० ३३१-३६४ ३६५-३७६ ३७-३८३ ३८३-३८७

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