Book Title: Anekant 1962 Book 15 Ank 01 to 06
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 9
________________ ४८ अनेकांत १२३ - विषल और लेखक पृष्ठ विषय पर लेखक धर्म स्थानों में व्याप्त सोरठ की एक कहानी राजनापुर खिनखिनी की धातु प्रतिमाएं-श्री बाल -महेन्द्र भनाबत एम०ए० २६४ चन्द जैन एम. ए. ८५ नगर खेद-कर्षट-मटम्ब और पत्तन प्रादि की परिभाषा ' राजस्थानी जैन लि-साहित्य -डा० दशरथ शर्मा ११६ -प्रो० नरेन्द्र भानावत १८६ नवागढ़ (एक महत्वपूर्ण मध्यकालीन जैनतीर्थ) रानी मृगावती (कहानी) श्री सत्याश्रय भारती -श्री नीरज जैन ३३७ रसिक अनन्य माल में एक सरावगी जैनी का विवरण नया मंदिर धर्मपुरा के जैन मूर्ति लेख -श्री अगरचन्द जी नाहटा २२६ -संक० परमानन्द जैन शास्त्री १००,२३७ राष्ट्रीय सुरक्षा में जैन समाज का योगदान २३४ पतियानदाई (एक भूला-बिसरा जैन मंदिर) -श्री नीरज जैन १७७ राजा हरसुखराय-पं० परमानन्द जैन शास्त्री पद कवि जगतराम रात्रि भोजन त्याग छट्ठा अणुव्रत -श्री पं० रतनलाल कटारिया २१ पद जगजीवन वर्धमान जिनस्तुति ४६ पवित्र पतितात्मा (कहानी)-श्री सत्याश्रय भारती ११५ शोधकण-(१ तीन विलक्षण जिन बिम्ब,२ पतियान प्राचीन पट अभिलेख-श्री गोपीलाल अमर एम०ए० २३१ बारडोली के जैन संत कुमुदचन्द दाई ३ भगवान महावीर ज्ञात पुत्र थे -डा० कस्तूरचन्द काशलीवाल एम. ए. पी. एच. डी. २१० या नाग पुत्र ?) -श्री बाबू छोटे लाल जैन २२४ भगवान् कश्यपः ऋषभदेव श्री अजिन-स्तवन २४३ -श्री बाब जयभगवान एडवोकेट पानीपत १७६ श्री क्षेत्र'बडवानी-प्रो० विद्याधर जोहरा पुरकर ८७ भगवान महावीर प्रौर उनका जीवन-दर्शन श्री वीर जिन शासन स्तवन १७५ -डा. ए. एन. उपाध्ये (अनु० कुन्दनलाल सप्त क्षेत्र रास का वर्ण्य विषय-श्री अगरचन्द नाहटा १६० एम० ए० एल०टी०) १०४ भगवान महावीर का जीवन-चरित्र (महत्व पूर्ण पत्र) समय और हम -श्री जैनेन्द्र १५५ -पं० बनारसीदास चतुर्वेदी २८ साहित्य-समीक्षा -डा० प्रेमसागर जैन ७६, १४, १६२, मंगलोत्तम शरण पाठ-रतनलाल कटारिया १३६ २३६,२८८ मध्यकालीन हिन्दी जैन काव्य में प्रेम भाव-~-डॉ० सिद्धहेमचन्द्र शब्दानुशासन-श्री कालिका प्रसाद प्रेमसागर जैन एम. ए., पी. एच. डी. २५१ शुक्ल एम. ए. व्याकरणाचार्य १४६,२०६ मराठी जैन साहित्य -डा. विद्याधर जोहरापुरकर एम. ए. पी. एच. डी. -२५३ सीरा पहाड़ के प्राचीन जैन गुफा मंदिर २५३ महाकवि रहधू द्वारा उल्लिखित खेल्हा ब्रह्मचारी -श्री नीरज जैन २२२ -प्रो. राजाराम जैन एम. ए. १६ हरिभद्र द्वारा उल्लिखित नगर-डा. नेमिचन्द्र जैन ५१ नय

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