Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari

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Page 13
________________ 488 488+ सप्तदश चंद्रप्रज्ञाप्त सूत्र-पष्ट उपाङ्ग 4388 Aammmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmanman द्वादश प्राभत-संवत्सर का परिमाण २९४ । ऋतु मास में चलने की मंडल संख्या यंत्र ३१ पांच संवत्सर के महिने दिन मुहूर्त का यंत्र ३०२ आदित्य मास में चलने की मंडल संख्या ३७४ } * पांच संवत्सर के संयोग के २६ भागेका यंत्र३०९ षोडश प्राभृत-उद्योत के लक्षण ३८१ ऋतु नक्षत्र परिमाण का यंत्र ३१९ चन्द्र नक्षत्र शेष रहे जिंस की आउटी यंत्र ३३३ सप्तदशप्राभृत-चन्द्र मूर्ध का चवन ३८९ प्रयोदशप्राभृत-चन्द्र कीवृद्धि अपवृष्टि ३३६ । | अष्टादश प्राभृत-ज्योतिषी की ऊंचाई ३८४ है । चतुर्दश प्राभृत-शुक्ल कृष्ण पक्ष ३५३ । एकोन विंशतिप्राभृत-चन्द्रसूर्य संख्या ३८८ पंचदश प्राभत-ज्योतिषी शीघ्रमंद गति ३५६ / विशतितम प्राभृत चन्द्रसूर्य अनुभव ३९५ नक्षत्र मास में चलने की मंडल संख्या यंत्र ३६५ | ज्योतिषीयों के भोग की उत्तमता का दृष्टान्त ४०५ चन्द्रमास में चलने की मंडल संख्या यंत्र ३६८ । अठ्यासी ग्रह के नाम ... ... ...४०० 280 अनुक्रमाणका 28th - Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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