Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 11
________________ सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र भा. १ की विषयानुक्रमणिका क्रमाङ्क विषय पृष्ठांङ्क २-१० ११-१६ १७-५४ ५५-७२ ७३-९० ९१-१२० १२१-१४६ १४७-१८४ १८५-१९६ १९७-२५० मङ्गलाचरण प्रास्ताविक कथन वीस प्राभृत का अधिकार कथन पहला प्राभूत प्रथम प्राभृत का प्रथम प्राभृतप्राभृत प्रथम प्राभूत का दूसरा प्राभृतप्राभृत प्रथम प्राभृत का तीसरा प्राभृतप्राभृत चतुर्थ प्राभृतप्राभूत पांचवां प्राभृतप्राभूत छठा प्राभृतप्राभूत सातवां प्राभृतप्राभृत आठवा प्राभृतप्राभूत दूसरा प्राभृत दूसरे प्राभृत में पहला प्राभृतप्राभृत दुसरा प्राभृतप्राभृत ,, तीसरा प्राभृतप्राभृत तीसरा प्राभृत चौथा प्राभृत पांचवां प्राभृत छठा प्राभूत सातवां प्राभूत आठवां प्राभृत नवयां प्राभृत दसवां प्राभूत दसवें प्राभृत का पहला प्राभृत प्राभृत दूसरा प्राभृप्राभृत ,, तीसरा प्राभृतप्राभृत चौथा प्राभृतप्राभृत २५१-२८३ २८४-२९४ २९५-३७८ ३७९-४१० ४११-४७७ ४७८-४९८ ४९९-५४४ ५४५-५५४ ५५५-६०८ ६०९-६६१ ६६२-६७० ६७१-६९१ ६९२-७०२ ७०३-७५० શ્રી સુર્યપ્રજ્ઞપ્તિ સૂત્ર: ૧

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