Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 17
________________ GO [६] अफ्रऊफ़ फ्र अपज्जत्तगाय । २ तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता । ३ तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा एतेसि णं वण्णादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेज्जाई जोणिप्पमुहसतसहस्साइं । पज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखिज्जा। से त्तं खरबादरपुढविकाइया । से तं बादरपुढविकाइया । से त्तं पुढविकाइया । [सुत्ताइं २६- २८. आउक्कायजीवपण्णवणा] २६. से किं तं आउक्काइया ? आउक्काइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा सुहुमआउक्कइया य बादरआउक्कइया य । २७. से किं तं सुहुमआउक्कइया ? सुहुमआउक्कइया दुविहा पन्नत्ता । तं जहा पज्जत्तसुहुमआउक्काइया य अपज्जत्तसुहुम आउक्काइया य से त्तं सुहुम आउक्कइया । २८. १ से किं तं बादरआउक्कइया ? बादरआउक्कइया अणेगविहा पण्णत्ता । तं जहा ओसा हिमण महिया करए हरतणू सुद्धोदए सीतोदए उसिणोदए खारादए खट्टोदए अंबिलोदए लवणोदए वारुणोदए खीरोदए घओदए खोतोदए रसोदए, जे यावऽण्णे तहप्पगारा । २ ते समासतो दुविहा पन्नत्ता । तं जहा पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । ३ तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता । ४ तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा एतेसि णं वण्णादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेज्जाई जोणीपमुहसयसहस्साइं । पज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेज्जा। से त्तं बादरआउक्कइया । से त्तं आउक्काइया । [सुत्ताइं २९-३१. तेउक्कायजीवपण्णवणा] २९. से किं तं तेउक्कइया ? तेउक्कइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा सुहुतेक्कइया य बादरतेउक्कइया य । ३०. से किं तं सुहुमतेउक्काइया सुहुमतेउक्काइया दुविहा पन्नत्ता तंजहा - पज्जत्तगा य अपज्जत्तआ य । से तं सुहुमते उक्काइया । ३१. १ से किं तं बादरतेउक्कइया ? बादरतेउक्काइ अणेगविहा पण्णत्ता । तं जहा इंगाले जाला मुम्मरे अच्ची अलाए सुद्धागणी उक्का विज्जू असणं णिग्घाए संघरिससमुट्ठिए सूरकंतमणिणिस्सिए, जे यावऽण्णे तहप्पगारा । २ ते समासतो दुविहा पन्नत्ता । तं जहा पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । ३ तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता । ४ तत्थ णं जे ते पज्जत्तंगा एएसि णं वण्णदेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेज्जइं जोणिप्पमुहसयदहस्साइं । पज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेज्जा। से त्तं बादरतेउक्काइया । से त्तं तेउक्काइया । [सुत्ताई ३२३४. वाउकायजीवपण्णवणा] ३२. से किं तं वाउक्कइया ? वाउक्काइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा सुहुमवाउक्कइया य बादरवाउक्कइया य । ३३. से किं तं सुहुमवाउक्कइया ? सुहुमवाउक्कइया दुविहा पन्नत्ता । तं जहा पज्जत्तगसुहुमवाउक्कइया य अपज्जत्तगसुहुमवाउक्या य । से त्तं सुहुमवाउक्कइया । ३४. १ से किं तं बासरवाउक्कइया ? बादरवाउक्काइया अणेगविहा पण्णत्ता । तं जहा पाईणसाए पडीणवाए दाहिणवाए उड्डवाए अहोवाए तिरिवाए विदिसीवाए वाउक्कलिया वायमंडलिया उक्कलियावाए मंडलियावाए गुंजावाए झंझावाए संवट्टगवाए घणवाए तणुवाए सुद्धवाए, जे या वऽण्णे तहप्पगारे । २ ते समासतो दुविहा पण्णत्ता । तं जहा पज्जत्तगा य अपज्जत्तगाय । ३ तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता । ४ तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा एतेसि णं वण्णदेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेज्जाई जोणिप्पमुहसयसहस्साइं । पज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तया वक्कमंति जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेज्ना । से त्तं बादरवाउक्काइया । सेतं वाउक्कया । [सुत्ताई ३५ – ५५. वणस्सइकायजीवपण्णवणा] ३५. से किं तं वणस्सइकाइया ? वणस्सकाइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा सुहुमवणस्सकाइया य बादरवणस्सतिकाइया य । ३६. से किं तं सुहुमवणस्सकाइया ? सुहुमवणस्सकाइया दुविहा पन्नत्ता । तं जहा पज्जत्तसुहुमवणस्सकाइया य अपज्जेत्तसुहुमवणस्सकाइया य से त्तं सुहुमवणस्सकाइया । ३७. से किं तं बादरवणस्सकाइया ? बादरवणस्सकाइया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइया य साहारणसरीरबादरवणप्फइकाइया य साहारणसरीरबादरवणप्फइकाइया य । ३८. से किं तं पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइया ? पत्तेयसरीरबादरवणप्फकाइया दुवालसविहा पन्नत्ता । तं जहा रुक्खा १ गुच्छा २ गुम्मा ३ लता य ४ वल्ली य ५ पव्वगा चेव ६ | तण ७ वलय ८ हरिय ९ ओसहि १० जलरुह ११ कुहणा य १२ बोधव्वा ॥ १२ ॥ ३९. से किं तं रुक्खा ? रुक्खा दुविहा पन्नत्ता । तं जहा एगट्ठिया य (१५) पण्णवणा पय१ श्री आगमगुणमंजूषा - ९४१ ५

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