Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयधोतिका टीका प्र.३ उ.३ सू.३९ एकोरुकस्थानामाहारादिकम् वानाइ-'गोयमा' इत्यादि, 'गोयमा' हे गौतम ! 'कडागारसंठिया' कूटाकारसंस्थिताः कूटं-शिखरं ताशसंस्थानवन्तः रुदाकारेण परिणताः वृक्षाः 'पेच्छाघरसंठिया' प्रेक्षागृहसंस्थिताः प्रेक्षागृहवत् संस्थिताः-नाट्यशालाकारेण परिणताः 'सत्तागारसंठिया' सत्राकारसंस्थिताः-सत्रं- दानशाला बदाकारपरिणताः 'झयसंठिया' ध्वजसंस्थिताः-ध्वजासंस्थानसंस्थिताः 'थूभसंठिया' स्तूपसंस्थिताः 'तोरण संठिया' तोरण सदृश संस्थानसंस्थिताः 'गोपुर वेइय चोप्पालगसंठिया' गोपुरवेदिका चोप्पाळकसंस्थिता, तत्र गोपुर-पुरद्वारम् वेदिका-उपवेशन योग्या भूमिः, चोप्पाल-मत्तवारणं तत्सदृशसंस्थानेन संस्थिता: 'अट्टालगसंठिया' अट्टालकसंस्थिताः-अट्टालक-मासादोपरिभागस्तदाकारपरिणताः, 'पासायसंठिया' प्रासादसंस्थिताः-पासादो राज्ञो गृहं तत्सदृशाः, 'हम्मतलसंठिया' हयंतलहोते हैं ? उत्तर में प्रभु श्री कहते है 'गोयमा ! कूडागार संठिया, पेच्छा. घरसंठिया, सत्तागारसंठिया, झथसंठिया, थूमसंठिया, तोरणलंठिया, गोपुरवेदय चोप्पालगठिया' हे गौतम ! ये वृक्ष जैसा-आकार गिरिशिखर का होता है ऐसे आकार बाले गोल होते हैं अर्थात् ऐले वृक्ष सर्वथा स्थिर होते हैं तथा फोई २ वृक्ष प्रेक्षागृह-रंगशाला के जैसे होते हैं, कोई -कोई वृक्ष छत्र के जैसे आकार वाले होते हैं कोई २ वृक्षा ध्वजा के जैसे आकार वाले होते हैं, कोई कोई वृक्ष स्तूप के जैसे आकार वाले होते हैं, कोई २, वृक्ष तोरण के जैसे आकार वाले होते हैं कोई २, वृक्ष गोपुरनगर के प्रधान द्वार के जैसे आकार वाले होते हैं, कोई २, वृक्ष वेदिका चबूतरी के आकार वाले होते हैं कोई २, वृक्ष चोप्पाल-मत्त हाथी-के आकार वाले होते हैं 'अट्टालगसंठिया, पासादसंठिया, हम्मतलसंठिया, 'गोयमा ! कूड़ागारसठिया, पेच्छाघरसठिया, सत्तागारसठिया, झयसठिया, थूमसठिया, तोरणसठिया, गोपुरवेइयचोप्पालगसठिया' है गौतम । मा વૃક્ષ જે ગોળ આકાર પર્વતના શિખરને હોય છે. એવા આકારવાળા ગોળ હોય છે. અર્થાત એવા વૃક્ષો સર્વથા સ્થિર હોય છે. તથા કઈ કઈ વૃક્ષ પ્રેક્ષાગૃહ રંગશાળાના જેવા હોય છે કઈ કઈ વૃક્ષ છત્રના જેવા આકારવાળા હોય છે. કેઈ કઈ વૃો ધજાના જેવા આકારવાળા હોય છે. કઈ કઈ વૃક્ષો ત્પના જેવા આકારવાળા હોય છે. કેઈ કોઈ વૃક્ષો તરણના જેવા આકારવાળા હોય છે. કઈ કઈ વૃક્ષે ગેપુરનગરના મુખ્ય દ્વારના જેવા આકારવાળા હોય છે. કઈ કઈ વૃક્ષ વેદિકા ચબૂતરીના આકાર જેવા આકાર વાળા હોય છે. કોઈ કે વૃક્ષે પાલ-મત્ત હાથીના જેવા આકાર વાળા હોય છે. "अहाला सठिया, पासाद् सठिया, हम्मतलस'ठिया, गवक्खसठिया, बालग