Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयद्योतिका टीका प्र.३ उ.३ २.४२ एको० डिंबडमर-कलहादिनिरूपणम् ६६९ क्रमागतो रोगः 'गामरोगाइ वा ग्रामरोग इति वा-ग्रामव्यापीरोगः, 'णगररोगाइ वा' नगररोग इति वा नगरव्यापीरोगः 'मंडलरोगाइ वा' मंडलरोग इति वा जनसमुदायव्यापी रोगः, 'सिरोवेयणाइ वा शिरोवेदनेति वा शिरोमागे समुद्भूता पीडा एवं 'अच्छिवेयणाइ वा' अक्षिवेदनेति वा 'कण्णवेयणाइ वा' कर्ण वेदनेति वा' णकवेयणाइ दा' नासिकावेदनेति बा, 'दसवेयणाइ वा' दन्त वेदनेति वा 'णखवेयणाइ वा' नख वेदनेति वा-अक्षिवेदनादयः मसिद्धाः। 'कासाइ दा' कास इति वा-कफवायुजनितो रोगः 'खांसी' इति मतिद्धा 'सासाइ वा' श्वास इति वा, अयमपि कफवातजनितो रोग एवेति । 'जराइ का' उधर इति वा दातमिश्रित पित्तरोगः, 'दाहाइ बा' दाह इति वा, विकृतपिचबाहुल्यजनितो रोगः 'कच्छूइ वा कच्छूरिति चा कच्छू। खर्जनप्रधानो रोगविशेषः, 'खसराइ वा खसर इति वा 'खस' इति लोकमसिद्धो रोगः 'कुटाइ वा' कुष्ठमिति वा प्रसिद्धम्, है क्या ? 'कुलरोगाह बा' वहां कुलोग कुल क्रम से आने वाले रोग होता है क्या? 'गामरोमाइया' ग्राम रोग लभस्त ग्राम व्यापीरोग होता है क्या ? 'णगररोगाइ वा' नगररोग नगर व्यापी रोग होतो है क्या ? मंडलरोगाइ चा 'मंडलरोग-जन समुदाय छापीरोग होता है क्या ? 'सिरोवेषणाइ वा वहां पर शिरोवेदना होती है क्या ? 'अच्छि. वेयणाइ वा कण्णवेयणाइ वा षक वेषणा का, दंनवेधणाइ वा इली प्रकार अक्षिवेदना वेदना नासिकावेदना एवं दन्तवेदना आदि होती है क्या ? 'णखवेयणाइया, कासाइ वा, सासाइ , जराहदा, दाहाह वा, कच्छू बा, खसराइ वा' इसी प्रकार नख वेदना-खासी-श्वास-दमा ज्वर-दाह-खाज-खसरा 'कुटाइबा, कुडाइ वा, दशोदाइ का, अरिसाइ विभूति नाश पामे तेवो भशि हु होय छे ? 'कुलरोगाइवा' त्या पुस शस अर्थात ४२ भथी थापा शाखाय छ १ 'गामगेगाहवा' यामशा अर्थात् समय जाममा व्यास थापाले ३ावावाणे शक डाय छ ? 'नगर रोगाईवा' ना२शश नसभा व्यास थापाणे ३हाय छे ? 'मडलरोगावा' भसरे। अर्थात नसभुहारमा व्याप्त थापाणे शालेय छ ? 'सिरोवेयणाइवा' त्या शिवहना अर्थात भरत पी डाय छे ? 'अच्छिवेयणाइनमा कण्णवेयणाइवा, णक्कवेयणाइवा, दंतवेयणाईवा' से शत मक्षिवहना, मांस સંબધી પીડા, કાન સંબંધી પીડા, તથા નાક સંબંધી પીડા અને દાંત संधी पीडा विगैरे हाय छ ? 'णखवेयाइवा, कासाइवा, सासाइवा, जराइवा दाहाइवा, कच्छवा, खसरा इवा' तथा नमवेदना, GU२स श्वास, हम, ताप हो जाद२ पसं२१ म२ 'कुटाइवा, कुडाइवा, दगोदराइवा, अरिसावा अ.