Book Title: Agam 08 Ang 08 Anantkrut Dashang Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Divyaprabhashreeji, Devendramuni, Ratanmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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अष्टम वर्ग]
[१४३ वह रत्नावली है। जिस प्रकार रत्नावली से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार रत्नावली तप आत्मा को सद्गुणों से विभूषित करता है। रत्नावली तप में पांच वर्ष दो मास और अट्ठाईस दिन लगते हैं।
इस तप का यंत्र पूर्व पृष्ठ पर दिया गया है।
३-तयाणंतरं च णं दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता विगइवजं पारेइ। छटुं करेइ, करेत्ता विगइवजं पारेइ। एवं जहा पढमाए परिवाडीए तहा बीयाए वि, नवरं-सव्वपारणए विगइवजं पारेइ जाव (एवं खलु एसा रयणावलीए तवोकम्मस्स बिइया परिवाडी एगेणं संवच्छरेणं तिहिं मासेहिं बावीसाए य अहोरत्तेहिं जाव आराहिया भवइ।)
तयाणंतरं च णं तच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता अलेवाडं पारेइ। सेसं तहेव। नवरं अलेवाडं पारे।
एवं चउत्था परिवाडी। नवरं सव्वपारणए आयंबिलं पारेइ। सेसं तं चेव। संगहणी गाहा
पढमंमि सळ्कामं, पारणयं बिइयए विगइवजं।
तइयंमि अलेवाडं, आयंबिलमो चउत्थम्मि ॥१॥ . तए णं सा काली अजा रयणावली तवोकम्मं पंचहिं संवच्छरेहिं दोहि य मासेहिं अट्ठवीसाए य दिवसेहिं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जेणेव अजचंदणा अज्जा तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अज्जचंदणं अजं वंदइ नमसइ, वंदित्ता, नमंसित्ता बहूहिं चउत्थ-छट्टट्ठम-दसम-दुवालसेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणी विहरह।
इस एक परिपाटी में तीन सौ चौरासी दिन तपस्या के एवं अठासी दिन पारणा के होते हैं। इस प्रकार कुल चार सौ बहत्तर दिन होते हैं। इसके पश्चात् दूसरी परिपाटी में काली आर्या ने उपवास किया और विकृति (विगय) रहित पारणा किया, बेला किया और विगय रहित पारणा किया। इस प्रकार यह भी पहली परिपाटी के समान है। इसमें केवल यह विशेष (अन्तर) है कि पारणा विगयरहित होता है। इस प्रकार सूत्रानुसार इस दूसरी परिपाटी का आराधन किया जाता है।
इसके पश्चात् तीसरी परिपाटी में वह काली आर्या उपवास करती है और लेपरहित पारणा करती है। शेष पहले की तरह है।
ऐसे ही काली आर्या ने चौथी परिपाटी की आराधना की। इसमें विशेषता यह है कि सब पारणे आयंबिल से करती है। शेष उसी प्रकार है। गाथार्थ
___प्रथम परिपाटी में सर्वकामगुण, दूसरी में विगयरहित पारणा किया। तीसरी में लेप रहित और चौथी परिपाटी में आयंबिल से पारणा किया।
इस भांति काली आर्या ने रत्नावली तप की पांच वर्ष दो मास और अट्ठाईस दिनों में सूत्रानुसार
२.-३. वर्ग ८, सूत्र २.