Book Title: Agam 08 Ang 08 Anantkrut Dashang Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Divyaprabhashreeji, Devendramuni, Ratanmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 190
________________ तृतीय अध्ययन महाकाली महाकाली का क्षुल्लकसिंहनिष्क्रीडित तप ६ – एवं महाकाली वि । नवरं – खुड्डागसीहनिक्कीलियं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ता णं तं जहा - विहरइ, चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । छट्टं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । अट्टमं करेड़, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । छट्टं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । दुवालसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । दुवालसमं करेड़, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ । सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ । अट्ठारसमं करेड़, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । अट्ठारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । अट्ठारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । बारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । दसमं करेड़, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । बारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ । दसमं करेड़, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । छट्टं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्टमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । छट्टं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुीियं पारे । चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे । तहेव चत्तारि परिवाडीओ। एक्काए परिवाडीए छम्मासा सत्त य दिवसा । चउण्हं दो वरिसा अट्ठावीसा य दिवसा जाव' सिद्धा । १. काली की तरह महाकाली ने भी दीक्षा अंगीकार की । विशेष यह कि उसने लघुसिंहनिष्क्रीडित तप किया, जो इस प्रकार है उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके बेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके चौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके तेला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके पचौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके चौला किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके छः उपवास किये, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके सात उपवास किये, वर्ग ८, सूत्र २.

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