Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 39
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ३० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ठाणे - ३/१/१४७ वयसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे संजयमणुस्ताणं तिविहे सुप्पणिहाणे पण्णत्ते तं जहा-मणसुप्पणिहाणे वयसुप्पणिहाणे कायसुप्पणिहाणे तिविहे दुप्पणिहाणे पण्णत्ते तं जहा- मणदुष्पणिहाणे वयदुष्पणिहाणे कायदुष्पणिहाणे एवं पंचिदियाणं जाव वेमाणियाणं ॥१३९/- 139 ( १४८ ) तिविहा जोणी पण्णत्ता तं जहा सीता उसिणा सीओसिणा एवं एगिंदियाणं विगलिंदियाणं तेउकाइयवज्जाणं संमुच्छिमपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साणं यतिविहा जोणी पण्णत्ता तं जहा सचित्ता अचित्ता मीसिया एवं एगिंदियाणं विगलिंदियाणं संमुच्छिमपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साणं य तिविहा जोणी पण्णत्ता तं जहासंबुडा विडा संवुडवियडा तिविहा जोणी पन्नता तं जहा कुष्पुष्णया संखावत्ता वंसीवत्तिया कुम्मुष्णया णं जोणी उत्तमपुरिसामाऊणं कुम्पुण्णयाते णं जोणिए तिविहा उत्तमपुरिसागधं वक्कमंति तं जहा - अरहंता चक्कवट्टी बलदेववासुदेवा संखावत्ता णं जोणी इत्थीरयणस्स संखावत्ताए णं जोणीए बहवे जीवा य पोग्गला य बक्कभंति विउक्कमंति चयंति उववति नो तेवणं निप्पति वंसीवतिता णं जोणी पिहजणस्स बंसीवत्तिताए णं जोणिए वह हिजणा मं वक्कंमति १४०/- 140 ( १४९ ) तिविहा तणवणस्सइकाइया पण्णत्ता तं जहा संखेज्जजीविका अंसखेजजीविका अनंतजीविका ॥१४१/-141 ( १५० ) जंबुद्दीवे दीवे भारहे चासे तओ तित्या पण्णत्ता तं जहा मागहे वरदाने पभासे • एवं - एरवएवि, जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे एगमेगे चक्कवट्टिविजये तओ तित्या पण्णत्ता तं जहा भाग बरदाने भासे एवं धायइसंडे दीवे पुरत्थिमद्धेवि पञ्च्चत्यिपद्धेवि पुक्खरवरदीवद्धे पुरविमर्द्धवि पचत्थिमद्धेवि । १४२/- 142 ( १५१ ) जंबुद्दीवे दीवे परहेरवएस दासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमा समाए तिण्णि सागरोवमकोडाकोडीओ काले होत्या [जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएस वासेसु इमीसे ओसप्पिणीए सुसमाए समाए तिष्णि सागरोवमकोडाकोडीओ काले पण्णत्ते जंबुद्दीवे दीवे भरवसु वासेसु आगमिस्साए उस्सप्पिणीए सुसमाए समाए तिण्णि सागरोवमकोडाकोडीओ काले भविस्सति । एवं धायइसंडे पुरत्थिमद्धे पञ्चस्थिमद्ध वि एवं पुक्खरचरदीचद्धे पुरत्थिमद्धे पञ्चत्थिमद्धेवि कालो भाणियव्यो जंबुद्दीवे दीये भरहेरवएसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए मणुया तिण्णि गाउयाई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्या तिष्णि पलिओदमाई परमाउं पालइत्या एवं इमीसे ओसप्पिणीए आगमिस्साए उस्सप्पिणीए जंबु वेदवे देवकुरुतरकुरासु मणुया तिण्णि गाउआई उड्ढं उद्यत्तेणं पण्णत्ता तिष्णि पलिओवभाई परमाउं पालयति एवं जाव पुक्खरवरदीवद्धपञ्चत्थिमद्धे जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु दासेसु एगमेगाए ओसपिणि उस्सप्पिणीए तओ वंसाओ उपजिंसु वा उप्प ंति वा उपजिस्संति वा तं जहा - अरहंतवंसे चक्कवट्टिवंसे दसारवंसे एव जाव पुक्खरवरदीवद्धप मिद्धे जंबुद्दीवे दीवे भरहेरबए वासेतु एगमेगाए ओसप्पिणी- उत्सप्पिणीए तओ उत्तमपुरिसा उप्पनिसु वा उष्पज्जंति वा उप्पजिस्संति वा तं जहा अरहंता चक्कवट्टी बलदेववासुदेवा एवं जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्धे तओ आहाउयं पालयंति तं जहा-अरहंता चक्कवट्टी बलदेववासुदेवा तओ मज्झिममाउयं पालयंति तं जहा- अरहंता चक्कवड्डी For Private And Personal Use Only

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