Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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ठाणं - ४/२/३१४ पण्णते तं जहा उवक्खरसंपण्णे उवरखडसंपण्णे सभाव-संपण्णे परिजुसियसंपण्णे
२९५|-295 (३१५) चउबिहे बंधे पण्णत्ते तं जहा-पगतिबंधे ठितिबंधे अणुभावबंधे पदेसबंधे चउबिहे उवक्करे पण्णते तं जहा-बंधणोवक्कमे उदीरणोवक्कमे उवसमणोवक्कमे विप्परिणामणो- वक्कमे बंधणोवक्कमे चउबिहे पण्णत्ते तं जहा-पगतिबंधणोवक्कमे ठितिबंधमो वक्कमे अणुभावपंधणोवक्कमे पदेसवंधणोवक्कमे उदीरणोवक्कमे चउबिहे पण्णते तं जहा-पगतिउदीरणोवक्कमे ठितिउदीरणोवक्कमे अणुभारउदीरणोवक्कमे पदेसउदीरणोवक्कमे उवसामणोवक्कमे चउविहे पण्णते तं जहा-पगतिउवसामणोवक्कमे ठितिउवसामणोवक्कमे अणुभावउक्सामणोवक्कमे पदेसउवसामणोवक्कमे विप्परिणामणोववक्कमे चउब्धिहे पण्णत्ते तं जहा-पगतविविप्परिणामणोवक्कमे दितिविप्परिणापणोवक्कमे अणुभावविप्परिणामणोवक्कमे पएसविप्परिणामणोवक्कमे चउबिहे अप्पा. वहुए पण्णते तं जहा-पगतिअप्पावहुए ठितिअप्पाबहुए अणुभावअप्पाबहुए पएस अप्पाहुए चउब्धिहे संकमे पण्णत्ते तं जहा-पगतिसंकमे ठितिसंकमे अणुभावसंकमे पएससंकमे चउबिहे निघते पपणते तं जहा-पगतिणिधत्ते ठितिनिधत्ते अणुभारनिधत्ते पएसनिधत्ते चढबिहे णिगायिते पण्णत्ते तं जहा-पगतिणिगायिते ठितिणिगायित्ते अणुभावणिगायिते पएसणिगायिते ।२९६/-296
(३१६) चत्तारि एक्का पन्नता तं जहा-दविएक्कए माउएक्कए पनवेक्कए संगहेक्कए ।२९७1-297
(३१७) चत्तारि कती पन्नत्ता तं जहा-दवितकती माउयकी पज्जवकती संगहकती १२९८1-298
(३१८) चत्तारि सव्वा पनत्ता तं जहा-नामसब्बए ठवणसव्यए आएससव्वए निरवसेससव्वए ।२९९/-299
(३१९) माणुसुत्तरस्स णं पव्वयस्स चउदिसिं चत्तारि कूडा पनत्ता तं जहा-रयणे रतणुच्चए सव्वरयणे रतणसंचए १३००1-300
(३२०) जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो हुस्था जंबुद्दीवे दीवे मरहेरवतेसु वासेसु इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो पन्नत्तो जंबुद्दीवे दीचे भरहेरवतेसु वाप्सेप्नु आगमेस्साए उस्तप्पिणीए सुसमसुसपाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो पविस्सइ ।३०११-301
(३२१) जंबुद्दीवे दीवे देवकुरुउत्तरकुरुवजाओ चत्तारि अकम्पभूपीओ पनत्ताओ तं जहा-हेमवते हेरण्णवते हरिवरिसे रमगवरिसे चत्तारि वट्टवेयड्ढपव्वता पनत्ता तं जहासद्दावाती वियडावाती गंधावाती मानवंतपरिताते तत्य णं चत्वारि देवा महिदिया जाव पलिओवपद्वितीया परिवसंति तं जहा साती पभासे अरुणे पउमे जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे चउव्यिहे पण्णते तं जहा-पव्यविदेहे अवरविदेहे देवकुरा उत्तरकुरा सव्ये वि णं निसढनीलवंतवासहरपब्वता चत्तारि जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं चत्तारि गाउसयाई उच्वेहेणं
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