Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
टाणं - ४/२/३२१
-
दाहिणे णं पच्चत्येिपे णं उत्तरे णं तासि गं पुक्खरिणीणं पत्तेयं-पत्तेयं चउद्दिसिं चत्तारि वणसंडा पन्नत्ता तं जहा-पुरतो दाहिणे णं पचत्थिमे णं उत्तर णं तासि णं पुस्खरिणीणं वहुमज्झदेसभागे चत्तारि दधिमुहगपच्चया पन्नत्ता ते णं दधिमुहगपब्वया चउसहि जोयणसहस्साई उड्डू उच्चतेणं एग जोयणसहस्सं उब्वेहेणं सबस्थ समा पल्लगसंटाणसंठिता दस जोयणसहस्साई विखंभेणं एककतीसं जोयणसहस्साई छच्च तेवीसे जोयणसते परिखेवेणं सव्वरवणामया अच्छा जाव पडिरूवा तेसि णं दधिमुहगपव्वताणं उवरि बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा पन्नता सेसं जहेव अंजणगपव्वताणं तहेद निरवसेसं भाणियध्वं जाव चूतवणं उत्तरे पासे तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले अंजणगपव्यत्ते तस्स णं चउदिसिं चत्तारि नंदाओ पुक्खरिणीओ पन्नत्ताओ तं जहा-भद्दा विसाला कुपदा पोंडरीगिणी ताओ णं नंदाओ पक्खरिणीओ एगं जोयणसयसहस्सं ससं तं चैव जाव दधिमुहमपव्यता जाव वणसंडा तत्थ णं जे से पञ्चस्थिमिल्ले अंजणगपव्वते तस्स णं छउद्दिसिं चत्तारि नंदाओ पुस्खरिणीओ पन्नत्ताओ तं जहा-नंदिसेणा अमोहा गोधूमा सुदंसणा सेसं तं चेव तहेब दधिमुहगपव्वता तहेब सिद्धाययणा जाय वणसंडा तत्थ णं जे से उत्तरिल्ले अंजणगपब्बते तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारि नंदाओ पुक्खरिणीओ पन्नत्ताओ तं जहा-विजया वेजयति जयंती अपराजिता ताओ णं नंदाओ पक्वरिणीओ एग जोयणसयसहस्सं सेसं तं चेव पपाणं तहेव दधिमुहग-पव्यत्ता तहेच सिद्धाययणा जाय वणसंडा नंदीसरवरस्स णं दीवस्स चक्कवाल-विक्खंभस्स बहुमज्झदेस-भागे चउसु विदिसासु चत्तारि रतिकरगपच्चता पन्नत्ता तं जहा-उत्तरपुरथिमिल्ले रतिकरग- पव्वए दाहिणपुरथिमिल्ले रतिकरगपच्चए दाहिणपञ्चस्थिमिल्ले रतिकरगपव्वए उत्तरपञ्चत्थि- मिल्ले रतिकरगपव्वए ते णं रतिकरगपव्वता दस जोवणसयाई उड्ढे उचतेणं दस गाउय- सताई उव्येहेणं सव्वत्त समा झल्लरिसंठाणसंठिता दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं एकक- तीसं जोवणसहस्साई छच्च तेवीसे जोयणसते परिक्खेवेणं सव्वरयणापया अच्छा जाय पडिरूवा तत्य णं जे से उत्तरपुरथिमिल्ले रतिकरगपव्वते तस्स णं चउद्दिसिं ईसाणस्स देविं- इस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवएमाणाओ चत्तारि रायहाणीओ पन्नताओ तं जहानंदुत्तरा नंदा उत्तरकुरा देवकुरा कण्हाए कपहराईए रामाए रामरक्खियाए तत्य णं जे से दाहिणपुरस्थिमिल्ले रतिकरगपव्यते तस्स णं चउद्दिसि सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवपमाणाओ चत्तारि रायहाणीओ पन्नत्ताओ तं जहा-समणा सोमणसा अच्चिमाली मणोरमा परमाए सिवाए सतीए अंजूए तत्थ णं जे से दाहिणपञ्चधिमिल्ले रतिकरगपब्बते तस्स णं चउद्दिसि सक्कस्स देविंदस्स देवरपणो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवपमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ पन्नत्ताओ तं जहा-भूता भूतवडेंसा गोथूमा सुंदसणा अमलाए अच्छराए नवमियाए रोहिणीए तत्थ णं जे से उत्तरपञ्चस्थिमिल्ले रतिकरगपचते तस्स णं चउद्दिसिमीसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो चउपहमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ पन्नत्ताओ तं जहा-रयणा रतणुच्या सञ्चरतणा रतणसंचया वसूए वस्तुगुत्ताए वसुमित्ताए वसुंधराए ।३०७1-307
(३३०) चउब्धिहे सच्चे प.तं जहा-नामसचे ठवणसच्चे दब्बसच्चे भावसच्चे १३०८1-308 (३३१) आजीवियाणं चउबिहे तवे पण्णते तं जहा उग्गतवे घोरतवे रसनिजूहणता
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170