Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 93
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८४ ठाणं - ४/३/३४९ बलसं- पण्पणे एगे बलसंपण्णेवि जयसंपण्णेवि एगे नो बलसंपण्णे नो जयसंपण्णे चत्तारि पकंधगा पन्नत्ता तं जहा-रूवसंपण्णे नाममेगे नो जयसंपण्णे जयसंपण्णे नाममेगे नो रूवसंपण्णे एगे रूयसंपण्णेवि जयसंपण्णेवि एगे नो रूवसंपन्ने नो जयसंपण्णे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-रूवसंपण्णे नाममेगे नो जयसंपपणे जयसंपण्णे नाममगे नो रूयसंपण्णे एगे स्वसंपपणेवि जयसंपण्णेवि एगे नो रूवसंपण्णे नो जयसंपण्णे चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा सीहत्ताए नाममेगे निरखंते सीहत्ताए विहरइ सीहताए नाममेगे निरखंते सीयालताए विहरइ सीयालत्ताए नाममेगे निक्खंते सीइत्ताए विहरइ सीयालताए नाममेगे निक्खंते सीयालताए विहरइ ।३२७/-327 (३५०) चत्तारि लोगे समा पन्नता तं जहा-अपइट्ठाणे नरए जंबुद्दीवे दीवे पालए जाणविमाणे सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे चत्तारि लोगे समा सपक्खि सपडिदिसिं पन्नत्ता तं जहा-सीमंतए नरए समयक्खेत्ते उडुविमाणे इसीपभमारा पुढवी ।३२८1-12a (३५१) उड्ढलोगे णं चत्तारि बिसरीरा पन्नत्ता तं जहा-पुढविकाइया आउकाइया वणसइकाइया उराला तसा पाणा अहोलोगे णं चत्तारि बिसरीरा पन्नता तं जहा-[पृढविकाइया आउकाइया वणस्सइकाइया उराला तसा पाणा] तिरियलोगे णं चत्तारि विसरीरा पण्णत्ता [तं जहा-पुढविकाइया आउकाइया वणस्सइकाइया उराला तसा पाणा]।३२९१-329 (३५२) चत्तारि पुरिसजाया प.तं.-हिरिसत्ते हिरिमणसत्ते चलसत्तेथिरसते।३३०|-330 (३५३) चत्तारि सेज्जपडिमाओ पनताओ चत्तारि वत्थपडिमाओ पन्नताओ चत्तारि पायपडिमाओ पन्नताओ चत्तारि ठाणपडिमाओ पन्नत्ताओ १३३११-331 (३५४) चत्तारि सरीरगा जीवफुडा पन्नता तं जहा वेउविए आहारए तेयए कम्मए चत्तारि सरीरंगा कप्मुम्मीसगा पन्नत्ता तं जहा-ओरालिए वेउव्विए आहारए तेयए ३३२१-332 (३५५) चउहिं अस्थिकाएहि लोगे फुडे पण्णत्ते तं जहा-धम्मत्यिकाएणं अधम्मत्यिकाएणं जीवस्थिकाएणं पुग्गलस्थिकाएणं चउहिं बादरकाएहिं उववजमाणेहिं लोगे फुडे पण्णत्ते तं जहा-पुढविकाइएहि आउकाइएहिं वाउकाइएहिं वणरसकाइएहिं ।३३३|-333 (३५६) चत्तारि पएसग्गेणं तुला पन्नत्ता तं जहा-धम्पत्थिकाए अधम्मस्थिकाए लोगागासे एगजीवे ।३३४। -334 (३५७) चउण्हमेगं सरीरं नो सुपस्सं भवइ तं जहा-पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं ।३३५/-335 (३५८) चत्तारि इंदियत्या पुट्ठा वेदेति तं जहा-सोइंदियत्ये धाणिदियत्थे जिभिदियत्ये फासिदियत्ये ।३३६।-336 (३५९) चउहि ठाणेहिं जीवा य पोग्गला य नो संचाएंति बहिया लोगंता गमणयाए तं जहा-गतिअमावेणं निरुवगहयाए लुक्खताए लोगाणुभावेणं ।३३७१-337 (३६०) चउबिहे गाते पण्णते तं जहा-आहरणे आहरणतद्देसे आहरणतहोसे उवण्णासोवणए, आहरणे चउबिहे पण्णत्ते तं जहा-अवाए उवाए ठवणाकम्मे पडुप्पण्णविणासी, आहरणतद्देसे चउविहे पण्णते तं जहा-अणुसिट्ठी उवालंभे पुच्छा निस्सावयणे आहरणतदोसे चउब्बिहे पण्णत्ते तं जहा-अधम्मजुत्ते पडिलोभे अत्तोवणीते दुरुवणीते उदण्णासोवणए For Private And Personal Use Only

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