Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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छई राणं
११३ (५४५) हिं ठाणेहिं सपणे निगंथे आहारमाहारेपाणे नातिकमति तं. ४००-१।- 400-1 (५४६) वेयण-वेयावचे ईरियट्ठाए य संजमट्ठाए तह पामवत्तियाए छठें पुण धम्मचिंताए
||४१11-1 (५४७) छहिं ठागेहिं सपणे निगये आहारं वोच्छिदमाणे नातिक्कमति तं.- ५००1. 500 (५४८) आतंके उक्सग्गे तितिखणे वंमचेरगतीए पाणिदया-तवहेउं सरीरयुच्छेयणट्ठाए
11४२।।-1 (५४९) छहिं ठाणेहिं आया उम्मायं पाउणेजा तं जहा-अरहंताणं अवण्णं बदमाणे आरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अवष्णं वदमाणे आयरिय उवज्झायाणं अवण्णं बदमाणे चाउव्वपणस संधस्स अवण्णं वदमाणे जक्खावेसेण चेय मोहणिजस्सचेव कम्मस्स उदएणं ।५०११-501
(५५०) छबिहे पमाए पण्णत्ते तं जहा-मज्जपमाए निद्दपमाए विसयपमाए कसायपमाए जूतपमाए पडिलेहणापपाए ५०२-502
(५५१) छचिहा एमायपडिलेहणा पन्नत्ता तं जहा- १५०३-११-503-1 (५५२) आरभडा संमद्दा बजेयब्बा य मोसली ततिया पप्फोडणा वउत्थी विक्खिता येइया छट्ठी
॥४३11-1 (५५३) छव्विहा अप्पमायपडिलेहणा पन्नता तं जहा- ५०३।-503 (५५४) अनचावितं अवलितं अणाणुबंधि अमोसलिं चेव छप्पुरिमा नव खोडा पाणीपाणविसोहणी
||४४||-2 (५५५) छ लेसाओ पन्नताओ तं जहा-कण्हलेसा [नीललेसा काउलेसा तेउलेसा पाहलेसा] सुक्कलेसा पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं छ लेसाओ पन्नताओ तं जहा-कण्हलेसा नीललेसा काउलेसा तेउलेसा पम्हलेसा] सुक्कलेसा एवं मणुस्स-देवाण वि ।५०४/ -504
(५५६) सक्कस्सणं देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जम्मस्स महारण्णो छ अगमहिसीओ प. ५०५1 505
(५५७) ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो मज्झिमपरिसाए देवाणं छ पलिओवमाई ठिती पन्नत्ता १५०६।-506
(५५८) छ दिप्ताकुमारिमहत्तरियाओ पन्नत्ताओ तं जहा-रूबा रूवंसा सुरुवा रूवयती रूवकता रूवष्पभा छ विजुकुमारिमहत्तरियाओ मन्नत्ताओ तं जहा-अला सका सतेरा सोता- मणी इंदा धणविजुया ।५०७1-507
(५५९) घरणस्सं णं नागकुसारिंदस्स नागकुमाररण्णो छ अग्गमहिसीओ पन्नताओ तं जहा-अला सक्का सतेरा सोतामणी इंदा धणविजुया भूताणंदस्स णं नागकुमारिंदप्स नागक- माररण्णो छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ तं जहा-रूवा रूवंसा सुरुवा रूपवती रूवकता रूवपमा जहा धरणस्स तहा सव्वेसिं दाहिणिलाणं जाव घोसस्स जहा भूताणंदस्स तहा सव्वेसिं उत्तरिलाणं जाव महाधोसस्स १५०८1-508
(५६०) घरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो छस्सामाणियसाहस्सीओ पण्ण- ताओ एवं भूताणंदस्सवि जाव महाधोसस्स १५०९।-509
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