Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 159
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १५० टाणं - १०/-/९०४ नदीओ समप्पेति तं जहा-जउणा सरऊ आवी कोसी मही सतदू वितत्था विपासा एरावती चंदभागा जंबुद्दीचे दीवे मंदरस्स पबयस्स उत्तरे णं रत्ता-रत्तवतीओ महानदीओ दस महानदीओ समप्पेति तं जहा-किण्हा महाकिण्हा नीला महानीला महातीरा इंदा इंदसेणा सुसेणा वारिसेणा महाभोगा १७१७1-717 (९०५) जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे दस रायहाणीओ प. तं जहा- ७१८-१। -718-1 (९०६) चंपा महरा वाणारसी य सावस्थि तह य ताकेतं हथिणउर कंपिल्लं मिहिला कोसंवि रायगिहं ॥१४४1-1 (९०७) एयासु णं दससु रायहाणीतु दस रायाणो मुंडा भवेत्ता जाव पव्वइया तं जहाभरहे सगरे मघवं सणंकुपारे संती कुंथू अरे महापउमे हरिसेणे जयनामे ७१८1-718 (९०८) जंबद्दीचे दीवे पंदरे पव्वए दस जोयणसयाइं उव्वहेणं धाणितले दस जोयणसहस्साई विस्खंभेणं उवरिं दसजोयणसयाई विक्खंभेणं दसदसाई जोयणसहस्साइं सव्वगेणं पन्नत्ता ७१९1-719 (९०९) जंबुद्दीवे दीये संदरस्स पब्वयस्स बहुमज्झदेसभागे इपीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिम-हेहिलेसु खुड्डगपतरेसु एत्य णं अट्ठपएसिए रूयगे पन्नत्ता जओ णं इमाओ दस दिसाओ पवहति तं जहा-पुरस्थिमा पुरथिमदाहिणा दाहिणा दाहिणपञ्चत्यिमा पच्च- स्थिमा पञ्चस्थिमुत्तरा उत्तरा उत्तरपुरत्यिमा उड्ढा अहा, एतासि णं दसण्हं दिसाणं दस नाम- धेजा पन्नत्ता (तं जहा)- १७२०-१1-720.1 (९१०) इंदा अग्गेइ जम्मा य नेरती वारुणी य वायव्वा सोमा ईसाणी य विमला य तमा य बोद्धब्बा ॥१४५||-1 (९११) लवणस्स णं समुद्दस्स दस जोयणसहस्साई गोतित्यविहरिते खेते पन्नत्ता लवणस्स णं समुदस्स दस जोयणसहस्साई उदगमाले पन्नत्ता सब्वेवि णं महापाताला दसदसाई जोयणसहरसाइं उव्वेहेणं पन्नत्ता मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पन्नता बहुमज्झदेसभागे एगपएसियाए सेढीए दसदसाई जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पनत्ता उपरि मुहमूले दस जोयणसहस्साई विखंभेणं पन्नत्ता तेसि णं महापातालाणं कुड्डा सव्यवइरामया सब्वत्थ सपा दस जोयणसयाई धाहल्लेणं पन्नत्ता सब्वेविं णं खुद्दा पाताला दस जोयणसवाई उव्वेहेणं पन्नत्ता मूले दसदसाई जोयणाई विक्खंभेणं पन्नता बहुमज्झदेसभागे एगपएसियाए सेढीए दस जोयणसताई विक्खंभेणं पन्नत्ता उवरिं मुहमूले दसदसाई जोयणाई विक्खंभेणं पन्नत्ता तेसि णं खुड्डापातालाणं कुड्डा सव्ववइरामया सव्वस्थ समा दस जोयणाई वाहल्लेणं पन्नत्ता ।७२०।-720 (९१२) घायइसंडगा णं मंदरा दसजोयणसयाई उज्येहेणं धरणीतले देसूणाई दस जोय- णसहस्साई विक्खंभेणं उर दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पन्नत्ता पुक्खरवरदीवड्ढा णं मंदरा दस जोयणसयाई उव्वेहेणं एवं चैव ।७२१1-721 (९१३) सब्वेवि णं वट्टवेयड्ढपव्वता दस जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं दस गाउयसयाई उव्वेहेणं सब्बत्य समा पल्लगसंठिता दस जोपणसयाई विक्खंभेणं पन्नत्ता ।७२२1-722 (९१४) जंबुद्दीवे दीवे दस खेत्ता पन्नत्ता तं जहा-भाहे एरवते हेमवते हेरण्णवते For Private And Personal Use Only

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