Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 169
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ठाणं . १०/-१००७ राधानक्खत्ते सव्वटमंतराओ मंडलाओ दसमे मंडले चारं चरति ।७८०/- 780 (१००७) दस नक्खत्ता नाणस्स विद्धिकरा पनत्ता (तं जहा)- ७८१1-781 (१००८) मिगसिरमद्दा पुस्सो तिण्णि य पुव्वाई मूलपस्सेसा हत्यो चित्ता य तहा दस विद्धिकराई नाणस्स ॥१६९॥-1 (१००१) चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं दस जाति-कलकोडि-जोणियमुहसतसहस्सा पन्नता उरपरिसप्पथलयरपंचिदियरिक्खजोणियाणं दस जाति-कुलकोडिजोणिपमुहसतसहस्सा पन्नत्ता ७८२१-782 (१०१०) जीवा णं दसठाणविव्वत्तिते पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंम् वा चिणंति वा चिणिस्संति वा तं जहा-पढमसमयएगिदियनिव्वत्तिए अपढमसमयएगिदियनिव्वत्तिए पढ़मसमयवेइंदियनिव्वत्तिए अपढमसमयबेइंदियनिव्वत्तिए पढमसमयतेइंदियनिव्वत्तिए अपढमसमयतेइंदियनिव्यत्तिए - पढमसमयवरिदियनिदत्तिए - अपढमसमयचउरिदियनिव्वत्तिए पढमसमयपंचिंदियनिव्यत्तिए अपढमसमय पंचिंदियनिव्वत्तिए एवं-चिणं-उवचिणं-बंध उदीरवेय तह निजरा चेव दसपएसिया खंधा अनंता पन्नता दसपएसोगाढा पोग्गला अनंता पन्नत्ता दससमयठितीया पोग्गला अनंता पन्नत्ता दसगुणकालगा पोग्गला अनंता पन्नता एवं वण्णेहिं गंधेहिं रसेहिं फासेहिं दसगुणलुक्खा पोग्गला अनंता पन्नत्ता ७८३1-783 दसमं ठाणं समत्तं तइयं अंगसुतं ठाणं समत्तं For Private And Personal Use Only

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