Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 98
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८९ चउत्यं सणं • उद्देसोनाम- मेगे वुधहिवए अवुधे नाममेगे अबुधहियए चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहाआयाणु- कंपए नाममेगे नो पराणुकंपए पराणुकंपए नाममेगे नो आयाणुकंपए एगे आयाणुकंपएवि पराणुकंपएवि एगे नो आयाणुकंपए नो पराणुकंपए ।३५२[-352 (३८०) चउब्बिहे संवासे पण्णत्ते तं जहा-दिव्वे आसुरे रक्खसे पाणुसे चरबिहे संवासे पन्नत्ते तं जहा-देवे नाममेगे देवीए सद्धि संयासं गच्छति देवे नाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति असुरे नाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति असरे नाममेगे असुरीए सद्धि संवासं गच्छति चउबिहे संबासे पण्णत्ते तं जहा-देवे नाममेगे देवीए सद्धि संवासं गच्छति देवे नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति रक्खसे नासमेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति रखसे नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति चउब्विधे संवासे पण्णत्ते तं जहा-देवे नाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति देवे नाममेगे पणस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति पणुस्से नाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति पणुस्से नाममेगे मणुस्सीए सद्धि संवासं गच्छति चउबिधे संवासे पण्णत्ते तं जहा-असुरे नाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति असुरे नाममेगे रक्खसीए सद्धि संवासं गच्छति रक्खसे नाममेगे असुरीए सद्धिं संघासं गच्छति रक्खसे नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति चउबिधे संवासे पण्णत्ते तं जहा-असुरे नाममेगे असुरीए सन्द्धि संवासं गच्छति असुरे नाममेगे पणस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति मणुस्से नाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति मणुस्से नाममेगे पणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति चबिधे संवासे पण्णते तं जहा-रक्खसे नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति रक्खसे नासमेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छतिं मणुस्से नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति मगुस्से नाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति ।३५३।-353 (३८१) चउबिहे अवद्धंसे पण्णते तं जहा-आसरे आभिओगे संमोहे देविक्रिबिसे चाहिं ठाणेहिं जीवा आसुरत्ताए कम्मं पगरेंति तं जहा-कोवसीलताए पाहुडसीलताए संसततवोककरणं निमित्ताजीवयाए चाहिं ठाणेहिं जीवा आभिओगत्ताए कामं पगरेति तं जहाअत्तुक्कमोसेणं परपरिवाएणं भूतिकम्मेणं कोउयकरणेणं चउहिं ठाणेहिं जीवा सम्मोहत्ताए कम्मं पगरेति तं जहा-उम्मग्गदेसणाए मग्गंतराएणं कामासंपओगेणं भिज्ञानियाणकरणेणं चउहि ठाणेहिं जीवा देवकिब्विसियत्ताए कम पगरेति तं जहा-अरहंताणं अवणं वदमाणे अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अवण्णं वदमाणे आयरियउवज्झायाणमवण्णं वदमाणे चाउवण्णस्स संधस्स अवण्णं बदमाणे ॥३५४|-354 (३८२) चउचिहा पव्वजा पन्नता तं जहा-अहलोगपडिवद्धा परलोगपडिवद्धा दुहतोलोगपडियद्धा अप्पडिबद्धा चउब्विहा पव्वजा पन्नत्ता तं जहा-पुरओपडिवद्दा मग्गओपडियद्धा दुहतोपडिबद्धा अप्पडिबद्धा चउबिहा पव्वजा पन्नत्ता तं जहा-ओवायपब्वजा अक्खातपव्वजा संगारपव्वजा विहगगइपब्वजा चउव्विहा पध्वजा पन्नत्ता तं जहा-तुयावइत्ता पुयायइत्ता दुआवइत्ता परिपुवावइत्ता चउव्विहा पव्यञ्जा पन्नता तं जहा-नडल- इया भडखइया सोहखइया सियालखइया चउब्बिहा किसी पन्नता तं जहा-वाविया परिवा- विया निंदिता परिनिंदिता एवामेव चउब्विहा पव्वा पन्नत्ता तं जहा-वाविता परिवाविता निंदिता परिनिंदिता चउचिहा पव्वजा पन्नता तं जहा-धण्णपुंजितसमामा धण्णविरल्लितसमाणा For Private And Personal Use Only

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