Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 80
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चउत्यं गणं - उद्देसो २ ७१ सीति जोयणसहस्साइं उइदं उच्चतेणं एमं जोयण सहस्सं उव्वेहेणं मूले दसजोयणसहस्सं उब्वेहेणं मूले दसजोवणसहस्साई विक्खंभेणं तदणंतरं च णं मायाए-मायाए परिहायमाणापरिहायमाणा उवरिमेगं जोयणसहस्सं विखंभेणं पन्नत्ता मूले इकतीसं जोयणसहस्साई छच्च तेवीसे जोयणसते परिक्खेवणं उरि तिण्णि-तिण्णि जोयणसहस्साई एगं च वावटुं जोयणसतं परिक्खेणं मूले विच्छिण्णा मन्झे संखेत्ता उप्पि तणुया गोपुच्छंसंठाणसंठिता सव्व अंजणमया अच्छा प्तण्हा लण्हा घट्ठा मठ्ठा नीरवा निम्मला निप्पंका निक्कंकड़-च्छाया सप्पभा समिरीवा सउज्जोया पासाईवा दरिसणीया अभिरुवा पडिलवा तेसि णं अंजणगपव्वाणं इवर बहुप्तपरमणिजा भूमिभागा पन्नत्ता तेसि णं बहुसमरमणिजाणं भूमिभागाणं वहुमम्झदेसभागे चत्तारिसिद्धायतणा पनत्ता ते णं सिद्धायतणा एगं जोयणसयं आयामेणं पण्णास जोवणाई विखंभेणं वावत्तरि जोवणाई उड्ढं उच्चत्तेणं तैसि णं सिद्धायतणाणं उदिसि चतारि दारा पन्नत्ता तं जहा-देवदारे असुरदारे नागदारे सुवण्णदारे तेसु णं दारेसु चउब्विहा देवा परिवसंति तं जहा-देवा असुरा नागा सुवण्णा तेसि णं दाराणं पुरओं चत्तारि मुहमंडया पन्नत्ता तेसि णं मुहमंडवाणं पुरओ चत्तारि पेच्छाघरमंडवा पन्नत्ता तेसि णं पेच्छाधरमंडवाणं बहुमझदेसभागे चत्तारि वइरामया उक्खाडा पन्नत्ता तेसि णं वडामयाणं अक्खाडगाणं बहुमज्झदेसभागे चत्तारि मणिपेढिवातो पन्नत्ताओ तासि णं मणिपेदिताणं उरिं चत्तारि सीहासणा पन्नत्ता तेसि णं सीहासणाणं उवरि चत्तारिं विजयदूसा पन्नत्ता तेसि णं विजयदूसगाणं बहुमझदेसभागे चत्तारि वइरामया अंकुसा पन्नता तेसु णं वइरापएसु अंकुसेसु चतारि कभिका सुत्तादामा पन्नता ते णं कंभिका मुत्तादामा पत्तेयं-पत्तेयं अण्णेहिं तदद्धउउत्तपमाणमित्तेहिं चउहि अद्धकुंभिक्केहि मुत्तादामेहिं सवतो समंता संपरिस्खित्ता तेसि णं पेच्छाधरमंडवाणं पुरओ चत्तारि मणिपढ़ियाओ पन्नताओ तासि णं मणिपेढियाणं उरि चत्तारि-चत्तारि बेइयथूभा पन्नत्ता तैसि णं वेइयथूभाणं पत्तेयं पत्तेयं चद्दिसिं चत्तारि पणिपेढियाओ पन्नताओ तासि णं मणिपेढियाम उवर चतारि जिणपडिमाओ सब्बरवणामईओ संपलियंकणिसण्णाओ यूभाभिमुहाओ चिट्ठति तं जहा-रिसभा बद्धमाणा चंदान्ना वारिसेणा तेसि णं चेइयथूभाणं पुरओ चत्तारि मणिपेढिवाओ पन्नत्ताओ तासि पं मणिपेढियाणं उव िचत्तारि चेइवरुक्खा पन्नत्ता तेसि णं चेइयरुक्खाणं पुरओ चत्तारि मणिपेढियाओ पनत्ताओ तासि णं मणिपेढियाणं उरि चत्तारि महिंदझया पन्नत्ता तेप्ति पं महिंदझवाणं पुरओ चत्तारि नंदाओ पुस्खरिणीओ पन्नताओ तासि णं पुखरिणीणं पत्तेयं-पत्तेयं चऽदिसि चत्तारि वणसंडा पन्नता तं जहा-पुरथिमेणं दाहिणे पञ्चत्यिमे णं उत्तरे णं ॥३०७-१। -307-1 (३२८) पुचे णं असोगवणं दाहिणओ होइ सत्तवण्णवणं अवरे णं चंपमवणं चूतवणं उत्तरे पासे ||२०||-1 (३२२) तत्य णं जे से पुरथिमिल्ले अंजणगपवते तस्स णं चउद्दिर्सि चत्तारि नंदाओ पुस्खरिणीओ पन्नत्ताओ तं जहा नंदुत्तरा नंदा आणंदा नंदिवद्धणा ताओ णं नंदाओ पुक्खरिणीओ एगं जोयणसयसहस्सं आयामेणं पण्णासं जोयणसहस्साई विक्खंभेणं दसजो. यणसताई उब्वेहेणं तासि णं पुक्खरिणीणं पतेयं-पत्तेचं चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पन्नता तेसि णं तिसोवाणपहिरूबगाणं पुरतो चतारि तोरणा पन्नता तं जहा-पुरस्थिमे णं For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170