Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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चत्वं ठाणं
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उद्देसो-२
६९
पन्नत्ता जंबुद्दीचे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महानदीए उत्तरकूले चत्तारि वक्खरिपव्वया पन्नत्ता तं जहा चित्तकूडे पम्हकूडे नलिणकूडे एगसेले जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महानदीए दाहिणकूले चत्तारि वक्खारपव्वया पन्नत्ता तं जहातिकडे बेसमणकूडे अंजणे पातंजणे जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पचत्थिमे णं सीओदाए महानदीए दाहिणकूले चत्तारि वक्खारपव्वया पन्नत्ता तं जहा अंकावती पम्हावती आसी- विसे सुहाव जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पद्यत्थिमे णं सीओदाए महानदीए उत्तरकूले चत्तारि बक्खारपव्वया पन्नत्ता तं जहा- चंदपव्वते सूरपव्वते देवपव्वते नागपव्वते जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्ययस्स चसु विदिसातु चत्तारि वक्खारपच्वया पन्नत्ता तं जहा- सोमणसे विजुप्पभे गंधमायणे मालवंते जंबुद्दीचे दीवे महाविदेहे वासे जहण्णपए चत्तारि अहंता चत्तारि चक्कवट्टी चत्तारि बलदेवा चत्तारि वासुदेवा उम्पजिंसु वा उप्पनंति वा उपजिस्संति वा जंबुद्दीचे दीवे मंदरे पव्वते चारि बना पन्नत्ता तं जहा भद्दसालवने नंदणवने सोमनसवने पंडगवने जंबुद्दीचे दीवे मंदरे पवने पंडगवने चत्तारि अभिसेगसिलाओ पन्नत्ताओ तं जहा पंडुकंवलसिला अइपंडुकंवलसिला रत्तकंवलसिला अतिरक्तकंबलसिला मंदरचूलिया णं उवरिचत्तारि जोयणाइं विक्खंभेणं पन्नत्ता एवं घायइडदीवपुरत्थिमद्धवि कालं आदि करेत्ता जाव मंदरचूलियत्ति एवं जाव पुक्खरवरदीव पचस्थिमद्धे जाव मंदरचूलियत्ति ॥३०२/-302
( ३२२ ) जंबुद्दीवग आवस्सग तु कालाओ चूलिया जाव घावडे पुक्रवरे व पुव्वावरे पासे
119811-1
( ३२३) जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स चत्तारि द्वारा पन्नत्ता तं जहा-विजये वेजयंते जयंते अपराजिते ते णं दारा चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं पन्नत्ता तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्ढिया जाव पलिओयमद्वितीया परिवसंति तं जहा- विजये वेजयंते जयंते अपराजिते १३०३1-303
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(३२४) जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स चसुविदिसासु लवणसमुदं तिष्णि-तिणि जोयणसवाई ओगाहित्ता एत्य णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता तं जहा - एगूरूयदीवे आभासियदीवे वेसाणिव दीवे नंगोलियदीवे तेसु णं दीवेसु चउव्हिा मगुस्सा परिवति तं जहा - एगूरूया आभासिया वेसाणिया नंगोलिया तेसिं णं दीवाणं च विदिसासु लवणसमुद्दं चत्तारि चत्तारि जोवणसयाई ओगाहेत्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नता तं जहा - हयकण्णदीवे गयकण्णदीवे गोकण्णदीवे सक्कुलिकण्णदीवे तेसुं णं दीवेसु चव्विधा मनुस्सा परिवसंति तं जहा- हथकण्णा गायकण्णा गोकण्णा सक्कुलिकण्णा तेसिं णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुद्दं पंच-पंच जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता तं जहा आवंसमुहदीवे मेंढमुहदीचे अओमुहदीवे गोमुहदीवे तेसु णं दीवेसु चउब्विहा मणुस्सा [ परिवर्तति तं जहा आयंसमुहा मेंढमुहा अओमुहा गोमुहा ) तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुदं छ- छ जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्य णं चत्तारि अंतरदीवा पन्नत्ता तं जहा - आसमुहदीवे हत्थिमुहृदीये सीहमुहदीवे वग्धमुहदीवे तेसु णं दीवेसु चउब्विहा मणुस्सा परिवसंति तं जहा आसमुहा हत्थिमुहा सीहमुहा चन्घमुहा तेसि णं दीवाणं चउसु विदिसासु लवणसमुदं सत्त- सत्त जोयणसयाई ओगाहेत्ता एत्य णं चत्तारि
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