Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 52
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ताइपं ठाणं - उद्देसो-३ ४३ पन्नत्ता तं जहा-धणोदधिपतिद्विता घणवातपइहिता ओवासंतरपइद्विता तिविधा विमाणा पन्नता तं जहा-अवहिता वेउहिता वेउव्विता पारिजाणिया ।१८०1-180 (१९४) तिविधा नेरइया पन्नता तं जहा सम्मादिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिछा- दिट्टी एवं-विगलिंदियवजं जाव वेमाणियाणं तओ दुग्गतीओ पन्नत्ताओ तं जहा नेरइयदुग्गतो तिरि खजोणियदुग्गती मणुयदुग्गती तओ सुगतीओ पन्नताओ तं जहा-सिद्धसोगती देव- सोगती मणुस्ससोगती तओ दुग्गता पन्नता तं जहानणेरइयदुग्गता तिरिक्खजोणियदुग्गता मणुस्सदुग्गता तओ सुगता पन्नत्ता तं जहा-सिद्धसोगता देवसुग्गता मणुस्ससुग्गता ।१८१1-181 (१९५) चउत्थभत्तियस्स णं भिक्खुस्सं कप्पंत्ति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए तं जहाउस्सेइमे संसेइसे चाउलधोवणे छठभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कपंति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए तं जहा-तिलोदए तुसोदए जवोदए अट्ठमभत्तियस्स णं भिक्खुस्स कपंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए तं जहा-आयामए सोवीरए सुद्धवियडे तिविहे उवहडे पण्णते तं जहाफलिओवहडे सुद्धोवहडे संसट्ठोवहडे तिविहे ओग्गहिते पण्णत्ते तं जहाजं च ओगण्हति जं च साहरति जं च आसगंसि पक्खिवति, तिविधा ओमोयरिया पन्नत्ता तं जहा-उवगरणोपोयरिया भत्तपाणो मोदरिया भावोमोदरिया, उवगरणोमोदरिया तिविहा पन्नत्ता तं जहा-एगे वत्स्ये एगे पाते चियत्तो बहि-साइजणया, तओ ठाणा निगंथाण वा णिग्गयीण वा अहियाए असुभाए अखमाए अणिस्सेसाए अणाणुगामियत्ताए भवंति तं जहा-कूअणता कक्करणता अवन्झाणता, तओ ठाणा निगंथाण वा निग्गंथीण या हिताए सुहाए खमाए णिस्सेसाए आणुगामिअत्ताए भवंति तं जहा-अकूअणता अक्करणता अणवज्झाणता तओ सल्ला पन्नत्ता तं जहा-मायासले नियाणसल्ले मिच्छादसणसल्ले तिर्हि ठाणेहिं समणे निग्गंधे संखित्त-विउलतेउलेस्से भवति तं जहा-आयावणताए खेतिखपाए अपाणगेणं तवोकम्मेणं, तिमासियं नं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पंत्ति तओ दत्तीओए भोअणस्स पडिगाहेत्तए तओ पाणगस्स एगरातियं भिक्खुपडिमं सम्म अणणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा अहिताए असुमाए अखमाए अणिरसेयसाए अणाणुगमियत्ताए भवंति तं जहाउप्मायं वा लभिजा दीहकालियं वा रोगातंक पाउणेज्जा केवलीपन्नताओ वा धमाओ मंसेजा एगरातियं भिक्खुपडिमं सम्मं अणुपालेमाणस्स अणगारस्स तओ ठाणा हिताए सुमाए खमाए णिस्सेसाए आणुगामियत्ताए भवंति तं जहा-ओहिनाणे वा से समुप्पज्जेजा मणपनवनाणे वा से समुष्पजेजा केवलनाणे वा से समुप्पजेज्जा ।१८२-182 (१९६) जंबुद्दीवे दीवे तओ कम्मभूमीओ पन्नताओ तं जहा-भरहे एवए महाविदेहे एवं-शायइसंडे दीवे पुरस्थिमद्धे जाव पुक्खरवरदीवड्ढपञ्चत्थिमध्दे ।१८३1-189 (१९७) तिविहे दंसणे पण्णते तं जहा सम्मइंसणे मिच्छदसणे सम्मामिच्छइंसणे तिविहा रुई पन्नत्ता तं जहा-सम्मरुई मिच्छाई सम्मापिच्छरुई तिविधे पओगे पण्णते तं जहासम्मपओगे मिच्छपओगे सम्मामिच्छपओगे ।१८४1-184 (१९८) तिविहे वसाए पण्णते तं जहा-धम्मिए ववसाए अधम्मिए वयसाए धम्मियाधम्मिए यवसाए अहवा-तिविधे ववसाए पण्णत्ते तं जहा-पच्चरखे पच्चइअए आणुगामिए अहवा-तिविधे ववसाए पण्णते तं जहा इहलोइए परलोइए इहलोइयपरलोइए इहलोइए For Private And Personal Use Only

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