Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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घरत्यं टाणं - उद्देसो-२
(३०२) चत्तारे पुरिसजाया पन्नता तं जहा-किसे नाममेगे किसे किसे नाममेगे दढे दढे नापमेगे किसे दढे नासमेगे दढे चत्तारि पुरिसजाया प.-किसे नामपेगे किससरीरे किसे नामपेगे दढसरीरे दढे नाममेगे किससरीरे दढे नाममेगे दढसरीरे चत्तारि पुरिसजाया प.किससरीररस नाममेगस नानादसणे समुप्पजति नो दढसरी- रस्स दढसरीरस्स नाममेगस्स नाणदंसणे समुप्पाति नो किससरीरस्स एगस्स किसरीरस्सवि णाणदंसणे समुप्पजति दढसरीरस्सवि एगस्स नो किससरीरस्स नाणदंसणे समुप्पञ्जति नो दढसरीरस्स १२८३।-283
(३०३) घडहिं ठाणेहिं निगंधाण वा निगंथीण वा असि समयंसि अतिसेसे नाणदसणे समुपजिउकामेणि न समुप्पजेना तं जहा- अभिक्खणं-अभिक्खणं इत्यिकहं भत्तकहं देसकहं राचकहं कहेता भवति विवेगेण दिउस्सगेणं नो सम्ममप्पाणं भाविता भवति पुब्बरत्तावात्तकालसमयसि नो धम्मजागरियं जागरइत्ता भवति फासुयस्स एसणिजस्स उंछस्स सामुदाणियरस नो सम्म गवेसित्ता भवति इच्चेतेहिं चउहि टाणेहिं निगंधाण वा निगंथीणं वा
अस्ति समयंसि अतिसेसे नाणंदसणे समुप्पजिउकामेवि नो समुप्पजेना चउहिं ठाणेहि निगंथाण वा निमीण वा अस्सि समयंसि अतिसेसे नानादसणे समुपजिउकासे समुप्पजेजा तं नहा- इस्थिकहं भत्तकहं देसकहं रायकहं नो कहत्ता भवति विबेगेण विउस्सगेणं सम्ममप्पाणं भावेत्ता भवति पुष्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरइत्ता भवति फासुवस्स एसणिजस्स उंछस्स सामुदाणियस्स सम्मं गवेसित्ता भवति इच्छेतेहिं चरहिं ठाणेहिं निगंथाणं वा निग्गंधीणं वा अस्सिं समयंसि अतिसेसे नाणदंसणे समुप्पजिउकामे समुप्पजेला २८४1-284
(३०४) नो कपति निगंथाण वा निग्गंधीण वा चाहिं महापाडिवएहिं सज्झायं करेत्तए तं जहा-आसाढपाडिवए इंदमहपाडिवए कत्तियपाडिवए सुगिम्हगपाडिवए नो कप्पति निगंधाणं वा निग्गंधीण वा चउहि संझाहिं सज्झायं करेत्तए तं जहा-पढमाए पच्छिमाए मज्झण्हे अढरत्ते कप्पइ निग्गंधाण वा निग्गंधीण वा चाउककालं समझायं करेतए तं जहा पुच्वण्हे अवरहे पओसे पच्चूसे ।२८५।-285
(३०५) चविहा लोगडिती पन्नता तं जहा-आगासपतिट्ठिए वाते वातपतिट्टिए उदधी उदधिपत्तिट्ठिया पदवी पुढविपतिट्ठिया तसा थावरा पाणा (२८६।-286
(३०६) चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-तहे नाममेगे नोतहे नाममेगे सोवत्थी नाममेगे पधाणे नाममेगे चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-आयंतकरे नासमेगे नो परंतकरे परंतकरे नाममेगे नो आयंतकरे एगे आयंकरेवि परंतकोवि एगे नो आयंतकरे नो परंतको चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-आयंतमे नाममेगे नो परंतमे परंतमे नासपेगे नो आयंतमे एगे आयंतमेवि परंतमेवि एगे नो आयंतमे नो परंतमे चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहाआयंदमे नाममेगे नो परंदमे परंदमे नाममेगे नो आयंदमे एगे आयंदमेवि परंदमेवि एगे नो आवंदमे नो परंदमे ।२८७1-287
(३०७) चम्विहा गरहा पन्नता तं जहा-उबसंपञ्जामित्तेगा गरहा वितिगिच्छामित्तंगा गरहा जंकिंचिमिच्छामित्तेगा गरहा एवंपि पन्नतेगा गरहा १२८८1 -208
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