Book Title: Agam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ४४ ठाणं ३/३/१९८ ववसाए तिविहे पण्णत्ते तं जहा-लोइए वेइए सामइए लोइए ववसाए तिविधे पण्णत्ते तं जहाअत्थे धम्मे कामे वेइए ववसाए तिविधे पण्णत्ते तं जहा- रिव्वेदे जउव्वेदे सामवेदे सामइए ववसाए तिविधे पण्णत्ते तं जहा-नाणे दंसणे चरिते तिविधा अत्यजोणी पन्नत्ता तं जहा- सामे दंडे भेदे |१८५१ -185 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १९९ ) तिविहा पोम्गला पन्नत्ता तं जहा- पओगपरिणता मीसापरिणता वीससापरिणता तिपतिया नरगा पन्नत्ता तं जहा - पुढविपतिट्ठिया आगासपतिट्टिया आयपइ- ट्ठिया गम संग ववहाराणं पुढविपतिट्टिया उज्जुसुतस्स आगासपतिट्ठिया तिन्हें सद्दणयाणं आयपतिट्ठिया ।१८६/- 186 ( २००) तिविधे मिच्छत्ते पण्णत्ते तं जहा- अकिरिया अविणए अन्नाणे, अकिरिया ति- विधा पन्नत्तां तं जहा पओगकिरिया समुदाणकिरिया अन्नाणकिरिया पओगकिरिया ति- विधा पन्नत्ता तं जहा - मणपओगकिरिया वइपओगकिरिया कायपओगकिरिया समुदाणकिरिया तिविधा पन्नत्ता तं जहा - अणंतरसमुदाणकिरिया परंपरसमुदाणकिरिया तदुभयसमुदाणकिरिया अन्नाणकिरिया तिविधा पन्नत्ता तं जहा - मतिअन्नाणकिरिया सुतअन्नाणकिरिया विभंग अन्नाणकिरिया अविणए तिविहे पण्णत्ते तं जहा- देसच्चाई निरालंबणता नानापेज्जदोसे, अन्नाणे तिविधे पण्णते तं जहा- देसनाणे सव्यन्नाणे भावनाणे 1920-187 ( २०१ ) तिविहे धम्मे पण्णत्ते तं जहा सुयधम्मे चरित्तधम्मं अस्थिकायधम्मे तिविधे बक्कमे पण्णत्ते तं जहा धम्मिए उवक्कामे अधम्मिए उवकम्मे धम्मियाधनिए उवक्कमे अहवा-तिविधे उबक्कमे पण्णत्ते तं जहा आओबक्कमे परोवक्कमे तदुभयोवक्कमे तिविघे वेयाचे पण्णत्ते तं जहा आयवेयावचे परवेयावच्चे तदुभयवेयावच्चे तिविधे अणुग्गहे [पण्णत्ते तं जहा - आय- अणुग्गहे पर अणुग्गहे तदुभयअणुग्गहे ] तिविधा अणुसट्ठी [पन्नत्ता तं जहा आय अणुट्टी पर अणुसट्ठी तदुभयअणुसट्ठी । तिविधे उवालमे [पण्णत्ते तं जहाआओवालंभे परीवालंभे तदुभयोवालंभे 1१८८1 188 ( २०२ ) तिविहा कहा पन्नत्ता तं जहा अत्यकहा धम्मका कामकहा, तिविहे विणिचडए पण्णत्ते तं जहा अत्यविणिच्छए धम्मविणिच्छए कामविणिच्छए ।१८९/- 180 ( २०३ ) तहारूवं णं भंते समणं वा माहणं वा पज्जुवासमाणस्स किंफला पनुवासणया सवणफला, से णं भंते सचणे किंफले नाणफले, से णं भंते नाणे किंफले विन्नाणफले ११९०/- 190 ( २०४ ) सवणे नाणे य विन्नाणे पच्चखाणे य संजमे अणपणे तवे चैव वोदाणे अकिरिय निव्वाणे ।।१३।।-1 [से णं भंते विष्णाणे किंफले पच्चक्खाणफले, से णं भंते पच्छखाणे किंफले संजमफले, से णं भंते संजमे किंफले अणण्यफले, से णं भंते अणहए किंफले तवफले, से णं भंते तवे किंफले वोदाणफले, से णं भंते वोदाणे किंफले अकिरियफले, सा णं भंते अकिरिया किंफला निव्वाणफला, से णं भंते निव्वाणे किंफले सिद्धिगड़-गमण-पजवसाण-फले समणाउसो] तइटाणे तइओ उस समत्तो -: च उ त्यो उसो : ( २०५ ) पडिमापडिवण्णस्स णं अणगारस्स कप्पंति तओ उवस्सया पडिलेहित्ताए तं - For Private And Personal Use Only

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