Book Title: Adhyatmaop Nishad
Author(s): Vikramsenvijay
Publisher: Labdhi Bhuvan Jain Sahitya Sadan

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Page 16
________________ विषयानुक्रम ........................... शास्त्रयोगशुद्धि-अधिकारः विषय पृष्ठ नं. मंगलाचरण...... अर्हन्नमस्काररूपमङ्गलाचरणेन सह ग्रन्थनाम्नैव विषयादिनिदर्शनम्-............ अथ विशेषणानां कार्यकारणभावो विज्ञाप्यते-..... अध्यात्मशब्दस्य व्युत्पत्तिलभ्यार्थस्य निरूपणम्-............ रूढिगम्याध्यात्मशब्दार्थस्य प्ररूपणम्-..... को नयः कमर्थ मन्यते ? इत्पर्थपरिच्छेदविभाजनम्नयभेदेनार्थद्वये जाते किं प्रथमोऽर्थः सत्योऽथवा द्वितीयोऽर्थः सत्य ? इत्येतद्धमविनाशाय कथ्यतेसुतर्क सुतर्कत्वेन, कुतर्क, च कृतर्कत्वेन ज्ञातुं समर्थो मध्यस्थदृष्टिं प्राप्नोति-....... जातिप्राया युक्तयोऽनर्थायैव भवन्ति-... ....................... हेतुवादमात्रेणातीन्द्रियार्थबोधाऽसिद्धिः-................... आगमोपपत्तिभ्यामतीन्द्रियार्थयार्थबोधासिद्धिः- ............... हस्तस्पर्शसमं ज्ञानं शास्त्रज्ञानं तद्व्यवहारकृत्-........... शास्त्राज्ञानिरपेक्षव्यवहारोऽसन्नेव भवति–............... शास्त्रशब्दस्य व्युत्पत्तिलभ्यार्थः-.... ................. वीतरागवाक्यविषयकश्रद्धाऽभावो महामोहोदयः-.......................... वीतरागवचः पुरस्कारे वीतराग:पुरस्कृत एव- ......... वीतरागवचनरूपशास्त्रयोगनिष्ठाऽऽश्वासरूपधर्मविषयकमतान्तराणि प्रदर्श्यन्ते- ... १५ ................ १५ शास्त्रपरीक्षा कषादिभिःक्रियते - .............. प्रथमा शास्त्रस्य कषनामकपरीक्षा-................ ....१ योगिनः शास्त्रचक्षुषः १६

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