Book Title: Vyavahar Ratnam
Author(s): Bhanunath
Publisher: Bhanunath
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit
www.kobatirth.org
-BHd
कमत-
व्य० ॥१३॥
-
द्रव्यं नियुज्य च ॥ संपूज्य धान्यवद्धायां मेधि संस्थापयेह धः ॥१४॥ अथ कणमर्दनार्थदिवसमाह ॥ भाग्याय॑मश्रो मले धातृमैत्रमघास च ॥ पौष्ष्णेन्द्रः शभाहे च धान्यानां मईनं शुभम् ॥ १५॥ अथ वोजरक्षणदिवसमाह ॥ रोहिणी रेवती मूलं स्वाती हस्तो मृग स्तथा ॥ आपाढोत्तरयुक्ता च तदा भाद्रपदा मघा ॥ १६॥ शस्थापिसर्वधान्यानां शुभे वारे स्थिरोदये ॥ गगर्गा दमुनिभिः प्रोक्ता प्रश ता वीजवन्धनं ॥ १७ ॥ अथ गृहादौ धान्यादिस्थापनविचारः ॥ रोहिण्युत्तरपुष्येष भरणीशक्रनेते ॥ पौणाश्विविशाखासु हरिमिलपुनर्वसौ ॥ १८॥ चित्रावस-12 मघायाञ्च जोवान्दुभृगो दिने ॥ तथा तिथावऋक्तायां शस्यानां स्थापनं हितम् ॥ १९॥ अ५६ गृहाद्धान्यनिष्काशनविचारः ॥ उत्तराम्बुपविशाखवासवे चन्द्रभौमगुरुशुक्रवासरे ॥ गेहतो तरायवृद्धये धान्यनिःक्रमणमाह पण्डितः ॥२०॥ अथ वृद्धार्थधान्यादिनक्षपदिवसमाह 10१३॥
01- 5
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86