Book Title: Vyavahar Ratnam
Author(s): Bhanunath
Publisher: Bhanunath

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Page 40
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - 3-EDHS-09-DII-0O-HAPAGE म् शुभदमिह समस्तं धार्यमाणं नराणाम् ॥ ४५ ॥ अथ स्त्रीणां वस्त्रपरिधानदिवसमाह ॥ धनिष्ठा रेवती चैव तथा हस्तादिपंचकम् ॥ अश्विनो गुरुशुक्राभ्यां स्त्रीणां वस्त्रस्य धारणम् ॥ १६ ॥ अथ-सयोकर्मदिवसमाह ॥ चित्रादित्यश्विनीमैत्रश्रविष्ठासु शुभे दिने ॥ सूचीकर्मविधानं चके शुभं प्रोक्त मनोषिभिः ॥४७॥ अथ स्त्रीणां भूषणपरिधानदिवसमाह ॥ नासत्यपौणवसुभे । करपंचके च मार्तण्डभौमगुरुदानवमन्त्रिवारे ॥ लाक्षासुवर्णमणिविद्रुमशंखदन्तरक्तांवराणि विभृ-3 यात्प्रमदागणश्च ॥४८॥ अथ निषिद्ध दिवसमाह ॥ प्रजापते/ तिसृषूत्तरासु पुनर्वसोश्च हितये न दध्यात् ॥ प्रवालरक्तांवरहेमशंखान् भर्तुर्य्यदोच्छेदवलाऽऽयुरिष्टम् ॥ ४९॥ अथाथपाकारम्भमेथुनकर्मणो दिवसमाह ॥ अष्टम्यामपि संकान्तौ तथैव रविवासरे। मत्स्यमांसकिया त्याज्या दर्श मैथुनकर्म च ॥ ५० ॥ अथ स्त्रोणां केशवन्धनदिवसमाह ॥ ध्रुवमृदुलघुवर्गे विष्णु --SHOctro-SHC For Private and Personal Use Only

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