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२१- श्री सिंधी फाउन्डेसन, कलकत्ता
२२ - श्री मोहनलाल बिनायकिया
२३- श्री मनालाल सुराना मेमोरियल ट्रष्ट, कलकत्ता
२४- श्री कुंदनमल जयचंदलाल नाहटा चेरिटेबल ट्रष्ट, कलकत्ता
२५ - श्री बच्छराज सेठिया, कलकत्ता
२६- श्री धर्मचन्द राखेचा
२७ - श्री हीरालाल सुराना
२८ - श्री अमृतलाल संचेती २६ - श्री मन्नालाल बिनायकिया
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यद्यपि 'वर्धमान महावीर' जीवन संबंध में अनेक ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं लेकिन यह वर्धमान जीवन कोश, शास्त्रों के आधार पर एक उच्च कोटि का कोश है जिसमें मूल आगम का आधार तो है ही - दिगम्बर और श्वेताम्बर ग्रन्थों का आधार भी प्रचूर मात्रा में लिया गया है । कुछ बौद्ध और वैदिक ग्रन्थों का भी आधार रहा है । वर्धमान जीवन कोश, तृतीय खण्ड में भगवान् महावीर के चतुर्विध संघ के प्रमाण का निरूपण, भगवान् महावीर के परिनिर्वाण के बाद स्थिति, वीर स्तुति, उनके साधु-निर्ग्रन्थों-श्रमणों का विवेचन, वर्धमान के २७ बोलों का यंत्र, उनके समय में पार्श्वनाथ भगवान् की संतानीय परंपरा, सर्वज्ञ अवस्था के बिहार स्थल, उनके समय में देवों का आगमन आदि का विवेचन है । इस तरह यह जीवनवृत्त और जीवन प्रसंग का कोश है ।
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अस्तु हम आपके सामने वर्धमान जीवनकोश तृतीय खण्ड प्रस्तुत कर रहे हैं । इस ग्रन्थ का प्रतिपादन अत्यन्त प्राञ्जल एवं प्रभावक रूप में सूक्ष्मता के साथ किया गया है । यह भगवान् महावीर की जीवन-धारा को शास्त्रों के आधार पर बताने वाला अनुपम ग्रन्थ है । वर्धमान जीवन कोश के चतुर्थ खण्ड को भी जल्द ही प्रकाशित करने की योजना है । इसमें वर्धमान महावीर के व्यक्तिगत रूप से साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविकाओं का विवेचन होगा। उनके समय के राजा विशेष, अन्यतेर्थिक साधुओं का विवेचन आदि रहेगा ।
परमाराध्य युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी ने हमारी प्रार्थना पर ध्यान देकर प्रस्तुत ata पर आशीर्वचन प्रदान किया । तदर्थं उनके प्रति श्रद्धावनत है ।
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‘L. D. Institute of Indology' अहमदाबाद के भूतपूर्व डाइरेक्टर दलसुख भाई मालवणिया - जो जैन दर्शन के उद्भट विद्वान है, उनके बहुमूल्य सुझाव बराबर मिलते रहे है तथा लखनऊ के डा० ज्योतिप्रसाद जैन जो जैन दर्शन के उच्चकोटि के विद्वान हैं । प्रस्तुतः ग्रन्थ पर 'Fore ward' लिखकर हमें अनुग्रहीत किया है इसके लिये हम उन दोनों विद्वानों के प्रति अत्यन्त आभारी है ।
स्व० मोहनलाल जी बाँठिया तथा श्रीचंदजी चोरड़िया'ने अनेक पुस्तकों का अध्ययन कर प्रस्तुत कोश को तैयार कर हमें प्रकाशित करने का मौका दिया- उनके प्रति हम अत्यन्त आभारी है ।
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