Book Title: Vairagyashatak Indriyaparajayshatak Author(s): Punyakirtivijay Publisher: Sangmarg Prakashan View full book textPage 8
________________ । टीण्टोइमण्डनश्रीमुहरीपार्श्वनाथाय नमः ।। ।। श्रीमद्विजय दान-प्रेम-रामचन्द्र-महोदय-दर्शनभूषण विजय सद्गुरुभ्यो नमः ।। ।। श्रीमदकब्बरसुरत्राणमुपदिश्याऽऽषाढीयाष्टाहिकाऽमारिप्रवर्तापकाणां । क्रियोद्धारकरणेन समादृतकठोरतरसाधुक्रियाणां-श्रीसाहिदत्तयुगप्रधानपदधारकाणां श्रीजिनचन्द्रसूरीश्वराणां साम्राज्यवर्ति- पाठकावतंस श्रीक्षेमराजगणिशिष्यवाचकवर्यश्रीमत्प्रमोदमाणिक्यगणिवरान्तेवासि-वादिगजकेसरि महोपाध्यायश्रीजयसोमगणिशिष्यरत्न-सम्बोधसप्ततीन्द्रिपराजयशतकरधुवंशवृत्याद्यनल्पग्रन्थसोधसूत्रणसूत्रधारश्रीसाहिसमक्षप्रदत्तवाचनाचार्यपदविभूषित-श्रीमद्गुणविनयगणिवरसङ्कलितया व्याख्यया समलङ्कतं पूर्वसूरिप्रवरविनिर्मितम् । ।। "वैराग्यशतकम्" ।। XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX વૈરાગ્યશતક ૧Page Navigation
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