Book Title: Tulsi Prajna 1991 10
Author(s): Parmeshwar Solanki
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ लोहानीपुर ( बिहार ) से प्राप्त जिन प्रतिमा ( ईसा पूर्व तीसरी सदी) Jain Education International काली टीला (मथुरा) कीर्तिस्तंभ पर तीन जिन मूर्तियाँ (सं० १५ ग्रि ३ दि १ की पूर्व्वा ) जो आर्य जयभूति की शिष्या आर्य संघमिका शिष्या आर्य वसुला के लिए निवर्त्तन की गई । RSE खण्ड १३, अंक ३ ( अक्टूबर-दिसम्बर, 8१ ) xxxoxo) तुलसी प्रज्ञा RECE स्तूप के साथ चार जिन मूर्तियाँ कंकाली टीला (i) सिद्धं सं० ६५ ग्रि २ दि १८ कोट्टियतो गणतो थानियातो कुलातो वैरातो शाखातो अ अर्हत् (ii) शिशिनि धमथाये ग्रहदतस्य धि धन हथि ... कण्ह श्रमणो For Private & Personal Use Only १०६ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 118