Book Title: Tab Hota Hai Dhyana ka Janma
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 10
________________ अनुक्रम 1. तब होता है ध्यान का जन्म 2. ध्यान का प्रारम्भ कहां से करें? 3. ध्यान किसका करें? 4. ध्यान का परिवार 5. ध्येय का चुनाव 6. ध्येय का साक्षात्कार 7. संभव है आत्मा का साक्षात्कार 8. ध्यान तब सधेगा? 9. ध्यान की दिशा बदलने के लिए 10. ध्यान कोई जादू नहीं है 11. व्यक्तित्व निर्माण और ध्यान 12. बाहर उजला भीतर मैला 13. ध्यान और मस्तिष्कीय प्रशिक्षण 14. पर्यावरण और ध्यान 15. ध्यान और परिवार 16. नशा और ध्यान 17. तनाव और ध्यान 18. सामाजिक समता और ध्यान 19. मानवीय सम्बन्ध और ध्यान 20. आवेग और ध्यान 21. सुरक्षा और ध्यान 22. ध्यान की कसौटी १२७ १३४ १४३ १५२ स८० १६८ १७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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