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उ० ५ मासियमुग्धाइयं ]
सुत्तागमे
पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइज्जइ ॥ ३२९ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेज्जासंथारयं पञ्चप्पिणित्ता दोचंपि अणणुण्णविय अहिट्ठेइ अहितं वा साइज्जइ ॥ ३३० ॥ जे भिक्खू सणकप्पासओ वा उण्णकप्पासओ वा पोण्डकप्पासओ 'वा अमिलकप्पासओ वा दीहसुत्ताई करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३१ ॥ जे भिक्खू सचित्ताइं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३२ ॥ जे भिक्खू सचित्तारं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ
तं वा साइज्जइ ॥ ३३३ ॥ जे भिक्खू चित्ताइं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३४ ॥ जे भिक्खू चित्तारं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ३३५ ॥ जे भिक्खू विचित्ताई दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३६ ॥ जे भिक्खू विचित्ताईं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३७ ॥ जे भिक्खू सचित्ताई दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुंजतं वा साइज्जइ ॥ ३३८ ॥ जे भिक्खू चित्ताई दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ३३९॥ जे भिक्खू विचित्ताईं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ३४० ॥ जे भिक्खू णवगणिवेसंसि वा गामंसि वा जाव सण्णिवेसंसि वा अणुप्पविसित्ता असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गार्हतं वा साइज्जइ ॥ ३४१ ॥ जे भिक्खू णवगणिवेसंसि वा अयागरंसि वा तंत्रागरंसि वा तज्यागरंसि वा सीसागरंसि वा हिरण्णागरंसि वा सुवण्णागरंसि वा ( रयणागरंसि वा ) वइरागरंसि वा अणुष्पविसित्ता असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गार्हेतं वा साइज्जइ ॥ ३४२ ॥ जे भिक्खू मुहवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४३ ॥ जे भिक्खू दंतवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४४ ॥ जे भिक्खू उट्टवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४५ ॥ जे भिक्खू णासावीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४६ ॥ जे भिक्खू कक्खवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४७ ॥ जे भिक्खू हत्थ - वीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४८ ॥ जे भिक्खू णहवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४९ ॥ जे भिक्खू पत्तवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५० ॥ जे भिक्खु पुप्फवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५१ ॥ जे भिक्खू फलवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५२ ॥ जे भिक्खू बीयवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५३ ॥ जे भिक्खू हरियवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५४ ॥ जे भिक्खू मुहवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३५५ ॥ जे ५५ सुत्ता०
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