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उ० ७ चाउम्मासियमणुग्धाइयं ] सुत्तागमे
साइज्जइ ॥ ४४७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणी उट्ठे फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ ४४८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणडियाए अप्पणी दीहाई उत्तरोद्वरोमाई कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४४९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई अच्छि - पत्ताई कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि आमज्जेज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ ॥ ४५१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणी अच्छीणि संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइज्जइ ॥ ४५२ ॥ जे भिक्खु माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज्ज वा मक्तं वा भिलिंगतं वा साइज्जइ ॥ ४५३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि लोद्वेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेन वा उल्लोलेंतं वा उव्वट्टेतं वा साइज्जइ ॥ ४५४ ॥ जे भिक्खु माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ४५५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रतं वा साइज्जइ ॥ ४५६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई भुमगरोमाईं कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५७ ॥ जे भिक्खु, माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहू इं पासरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५८-१ ॥ केसरामाई ॥ ४५८-२ ॥ जे भिक्खु माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा हमलं वा णीहरेज वा विसोहेज्ज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वाणीहरेज वा विसोहेज्ज वा णीहरेंतं वा विसोर्हेतं वा साइज्जइ ॥ ४६० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए गामानुगामं दूइजमाणे सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइ'ज्जइ ॥ ४६१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए खीरं वा दहिं वा णवणीयं वा सपि वा गुलं वा खंडं वा सक्करं वा मच्छंडियं वा अण्णयरं वा पणीयं आहारं आहारे आहारेंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं ॥ ४६२ ॥ णिसीहऽज्झयणे छट्टो उद्देसो समत्तो ॥ ६ ॥ सत्तमो उद्देसो
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जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा वेत्त
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