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उ० १३ चाउम्मा सिय-मुग्धाइयं ] सुत्तागमे
॥ ७९३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा फरसं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ७९४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा आगाढं फरुसं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ७९५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा अण्णयरीए अच्चासायणाए अच्चासाएइ अच्चासाएंतं वा साइज्जइ ॥ ७९६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिया वा गारत्थियाण वा कोउगकम्मं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७९७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा भूइकम्मं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७९८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा पसिणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७९९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा पसिणापसिणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ८०० ॥ (जे पसिणं कहेइ कहेंतं पसिणापसिणं) जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा तीयं निमित्तं क(हे ) रेड करेंतं वा साइज्जइ ॥ ८०१ ॥ ( पडुप्पण्णं आगमिस्सं ) जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा लक्खणं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ८०२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा वंजणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ८०३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा सुमिणं करेइ करेंतं वा साइजइ || ८०४ || जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा विज्जं पउंजइ पउंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८०५ || जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा मंतं परंजइ पउंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८०६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा जोगं परंजइ परंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८०७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा मग्गं वा पवेएइ संधिं वा पवेएइ (मग्गाओ वा संधि पवेएइ) संधीओ वा मग्गं पवेऐइ पवेएंतं वा साइज्जइ ॥ ८०८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा धाउं पवेएइ पवेतं वा साइज्जइ ॥ ८०९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा हिं पवेइ पवेतं वा साइज्जइ ॥ ८१० ॥ जे भिक्खू मत्त अप्पा ) त्ताणं देहइ देहंतं वा ( पलोएइ पलोएतं वा ) साइज्जइ ॥ ८११ ॥ जे भिक्खू अद्दाए अप्पा देह देतं वा साइज्जइ ॥ ८१२ ॥ जे भिक्खू असीए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइज्जइ ॥ ८१३ ॥ जे भिक्खू मणीए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइज्जइ ॥ ८१४ ॥ जे भिक्खू कुंडपाणिए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइज्जइ ॥ ८१५ ॥ जे भिक्खू तेले अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ ॥ ८१६ ॥ जे भिक्खू सप्पिए अप्पाणं देहइ देहतं वा साइज्जइ ॥ ८१७ || जे भिक्खू फाणिए अप्पाणं देहइ देहंतं वा
१ फुडीकरणमेयस्सायारबिइयसुयक्खं धिरियज्झयणाओ णायव्वं ।
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