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शुदि ११ थीमांमी पूनमना दिवस लगी त्रण दिवस "अचित्त रजउमावणी करेमि काउसग्ग” लोगस्त |४d चितवन कर. कदाचित अगीआरसना दिवसे याद न रहे तो बारस तेरस चौदशना दिवसे, तथा बारसे न सांजरे तो तेरस चौदश पूनम लगी चार चार लोगस्स चिंतववा. तेरसने दिवस न सांजरे तो श्रावता चैत्र लगी ज्यां सुधी धूल उमे त्यां सुधी असझा लागे . तेमज ज्यां लगी बे | राजा वच्चे क्लेश चालतो होय, तथा म्लादिकनोनय होय, उपाश्रयनी नजीक स्त्री पुरुष लमे अथवा
होली पर्वनी धून उमे त्यां लगी असताइ लागे . तथा राजाना मरणथी मामी नवो राजा गादीए न विसे त्यां लगीघसकाइ लागे . गाममां कोश्वगर विचार्यु कार्य के विचार अमलमा मूकायो होय | (असमंजस प्रवर्ते) तेनो निकाल जो न लावे तो छ पहोरनी असक्काइ लागे . उपाश्रयथी | सात घर लगीमां को प्रसिद्ध पुरुषर्नु मरण थाय तो अहोरात्रि लगो असकाइ लागे . “ नगर प्रधान पुरुषे मृते प्रहराष्टकं यावद स्वाध्यायः" तथा बीजा सामान्य पुरुषy ममदुं जपामया पली असक्राइमटे बे. तिर्यंच (पशु)नुं क्लेवर उपामी गया पली अप्सकाइमटे . तथा “ श्राचार्य, ||
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