Book Title: Subodh Samachari
Author(s): Macchindracharya
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 63
________________ सूयगडंगे बीओ सुयक्खंधो उदिस्सइ, तस्स पढमज्झयणं पुंडरीयं एक्कसरं, सेसाणिवि एक्कसरााण एकेक्कदिणेण वच्चंति, तेसिं नामाणि-पुंडरीय१किरियठाणं २ आहारपरिन्न ३ पच्चखाणकिरिया ४ य । अणगार ५ अह ६ नालंद ७ अज्झयणा बीयस्यखंधे ॥१॥सयगडे सुयखंधा दोन्नि उ पढमंमि सोलसज्झयणा। चउ तिय चउरो दो दो एक्कारस सत्त एकसरा॥१॥ बीयसुयखंधे सत्त अज्झयणा सत्तहिं दिणेहिं वच्चंति. सुयक्खंधसमुदेसअणुनाए दिणमेगं१ अंगसमुद्देसे दिणमेगं १, अंगअणुन्नाए दिणमेगं १, सव्वे दिणा ३० सूयगडंगंगयं॥ठाणंगे सुयखंधो एगो दस अज्झयणा-पढम एगसरं चिय चउ चउ चउरो तिगं च एक्कसरा । पढमं एगसरं एगदिणेण जाइ, बीयट्ठाणे उद्देसा चउरो दिणा दो २, तइए उद्देसा चउरो दिणा दो २, चउत्थे उद्देसा चउरो दिणा दो २, पंचमज्झयणेसु उद्देसा तिन्नि दिणा दो २, सेसाणि पंच ठाणाणि एगसराणि पंचहिं दिणेहिं वच्चंति, सुयक्खंधे समुहेसाणुन्नाए दो दिणा २ अंगसमुद्देसअणुनाए दो दिणा, एवं सव्वेऽवि दिणा अट्ठारस १८॥ ठाणगं गयं ॥ चउत्थं समवायंगं एगदिणेण उदिस्सइ बीए समुदिस्सइ तइए अणुनवइ, तिहिं दिणेहिं समवायंगं बच्चइ ॥ समवायंगं गयं । निसीहे एगमज्झयणं वीस उद्देसा, दो दो उद्देसा दिणे २ उहिस्सांतत्ति दससु दिवसेस समप्पंति, एगतरेहिं आयंबिलेहिं, अणागाढजोगा पाढो कालिओ। Join Education international For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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