Book Title: Subodh Samachari
Author(s): Macchindracharya
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

View full book text
Previous | Next

Page 70
________________ श्रीचन्द्रीया सामाचारी २० अणुन्नव्यइ, अह उट्टवेइ तो निव्वीयं गोसाले तिन्नि दत्तीओ सपाणभोयणाओ दो भोयणरस एगा पाणरस, अहया एंगा | योगविधान भोयणस्स दो पाणस्स, गोसाले अणुन्नाए अट्ठमजोगो लग्गइ, सत्त निव्वीयाणि अट्टमं अंबिलं एगे नवमं, गोसाले जइ दत्तीहिं लडियाहिं उवहओ ताहे उवहओ चेव, अह अन्ने बहवो जोगवाही ताहे अन्नहत्ताणयाउ कप्पंति, गोसालसयं जाव अउणपन्नासं काला भवंति, तदुवरि सेसाई छच्चीस सयाई एक्कक्केण कालेण वच्चंति पुवुत्ता काला |४९ एएहिं छव्वीसेहिं सह ७५ भवंति, एक्केण अंगं समुद्दिसिज्जइ, बीएण अणुजाणिज्जइ, अंगसमुहेसे अणुन्नाए य अंबिलं, एवं सत्तहतरिकालेहिं भगवइअंगं समप्पइ, नवरं सोलसमे सए उद्देसा चोदस ७७ सत्तरसमे सत्तरस, |९।८। अट्ठारसमे दस ५।५ एवं एगृणवीसइमे दस ५५ वीसइमेऽवि दस ५।५ एकवीसइमे असीइ ४०४० बावीसइमे सही |३०३० तेवीसइमे पन्नासं २५।२५ चउवीसइमे चउवीसं १२।१२ पंचवीसइमे बारस ६।६ बंधिसए २६ करिसुयसए! २७ कम्मसमज्जिणणसए २८ कम्मपट्ठवणसए २९ समोसरणसए ३० पंचसुवि एक्कारस २ उदिसा दुहा काउं उदि-17 सिज्जंति ६।५/३०, उववायसए अट्ठावीसं ।१४१४।३१ उज्वट्टणासएवि १४१४३२ एगिदियजुम्मसयाणि बारस तेसु चउवीसुत्तरं उद्देसगसयं दुहा काउं ६२६२।३३ सेढीसयाणि बारस तेसुवि चउवीसुत्तरं उद्देसगसय ६२।६२।३ । ३३॥ Jain Education Interational For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104