Book Title: Subodh Samachari
Author(s): Macchindracharya
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
View full book text
________________
रियअणुन्नाए उग्गहिमविगईए विसज्जावणत्थं काउस्सग्गो कीरइ, नमोक्कारचिंतणं भणनं च, तओ उग्गाहिमविगई न उवहणइ, अन्ने उहडावणत्थमिति भणंति, च उत्थसएवि दस उद्देसा १० दोहिं दिवसेहिं जंति, पढमदिणे पढमं चत्तारि आइल्ला पच्छा चत्तारि अंतिल्लत्ति काउं उदिसिज्जंति, बीयदिवसे दो उद्देसगा उहिसिज्जति समुद्दिसिज्जति सएण समं अणुनव्वंति दिण २, पंचमछट्ठसत्तमअट्ठमसएसु दस २ उद्देसगा, दो दो उदिसिजंति दिवसे २, चत्तारिवि वीसाए दिणेहि वच्चंति, अट्ठसु काल ४१, नवमदसमएगारस बारस तेरस चउदसमं च एयाइं छस्सयाई एक्केककालेण वच्चंति, नवरं नवमं सयं चोत्तीसाए उहेसएहिं दुहाकाउं एगदिवसेण उदिसिज्जइ १७/१७ सयं उदिसिऊण तरसेव आइल्ला उहिस्संति अंतिल्ला उदिस्संति आइल्ला समुहिरसंति अंतिल्ला समुहिस्संति सयं च समुहिस्सइ, तओ आइल्ला अणुन्नविज्जति अंतिल्ला अणुन्नविज्जति सयं च अणुन्नविज्जइ, एवं नव काउस्सग्गा सए २ कीरंति, समुद्देसाणुन्नाए वायणा कज्जइ, सज्झायपडिक्कमण०, अणुन्नाए सज्झायकालपडिक्कमणं च भणिज्जइ, एवं दसमसयंपि १७/१७। एक्कारसमे बारस उद्देसा ६।६। बारसे तेरसे चउद्दसमे य दस २ उद्देसगा दुहा काउं उदिसिज्जति पत्तेयं २ ५/५/ पनरसमसयं । एमसरं भवति, सो य गोसालो, पढमदिणे उद्देसो समुद्देसो आयंबिलेण, जइ न उद्ववेइ बीयदिणे आयंबिलेण ।
Join Education International
For Private & Personal use only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104