Book Title: Subodh Samachari
Author(s): Macchindracharya
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 65
________________ Jain Education Inte अंतिल्ला समुद्दिरसंति तओ वग्गो समुद्दिस्सइ, तओ आइल्ला अणुन्नविज्जंति अंतिल्ला अणुन्नविज्जंति तओ वग्गो अणुन्नविज्जइ, एवं वग्गेण सह दसवि एगदिवसेण वच्चंति, वग्गे २ नव काउस्सग्गा, एवं सेसावि नव वग्गा उद्दिसियन्वा नवरं अज्झयणेसु नाणत्तं, बीयवग्गे दस अज्झयणा तइयवग्गे चउत्थवग्गे य चउपपन्नं २ अज्झयणा पंचमछडेसु वग्गेसु बत्तीसं २ अज्झयणा सत्तमअडमेसु बग्गेसु चत्तारि २ अज्झयणा नवमदसमेसु बग्गेमु अ २ अज्झयणा, वग्गेसु दिणा १०, एगं दिणं सुयखंधे, दोन्नि अंगे, एवं दिणा सव्येऽवि तेत्तीस ३३ ॥ नायाधम्मकहा छ अंगं सम्मत्तं ॥ उवासगदसंगे एगो सुयखंधो दस अज्झयणा एगसरा दससु दिवसेसु वच्चति, दोन्नि दिणा सुयखंधे, दोन्नि अंगे, एवं सव्वे दिणा चोइस ॥ उवासगदसा सत्तमं अंगं सम्मतं ॥ अंतगडदसंगे एगो सुयखंधो अट्ठ बग्गा अट्ठसु चैव दिवसेसु उद्दिस्संति, तत्थ पढमवग्गे दस अज्झयणा बीयवग्गे अट्ठ अज्झयणा | तइयवग्गे तेरस अज्झयणा चउत्थपंचमेसु वग्गेसु दस २ अज्झयणा छट्टवग्गे सोलस अज्झयणा सत्तमवग्गे तेरस अज्झयणा अट्ठमवग्गे दस अज्झयणा, आइल्ला अंतिल्ला भणिउं जहा धम्मकहाए तहा उद्दिस्संति, वग्गेसु दिणा अट्ठ, सुयक्खंधे दोन्नि दिणा २, दोन्न अंगे, एवं सव्वे दिणा बारस १२ ॥ अंतगडदसा अट्ठमं अंगं सम्मत्तं ॥ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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