Book Title: Siddhantasara Author(s): Jinchandra Acharya, Vinod Jain, Anil Jain Publisher: Digambar Sahitya PrakashanPage 12
________________ २. ३. ४. विषय अनुक्रमणिका मंगलाचारण मुक्त और संसारी जीवों में मार्गणायें ग्रन्थ में प्रतिपाद्य विषय चौदह मार्गणाओं में चौदह जीव समास गति, इन्द्रिय, काय मार्गणा में जीव समास योग मार्गणा में जीव समास वेद, कषाय, ज्ञान मार्गणा में जीवसमास संयम, दर्शन, लेश्या मार्गणा में जीव समास भव्य सम्यक्त्व, संज्ञी मार्गणा में जीव समास आहार मार्गणा में जीवसमास चौदह मार्गणाओं में चौदह गुणस्थान गति, इन्द्रिय मार्गणा में गुणस्थान काय, योग मार्गणा में गुण स्थान वेद, कषाय और ज्ञानमार्गणा में गुणस्थान संयम, दर्शन और लेश्या मार्गणा में गुणस्थान भव्य, सम्यक्त्व मार्गणा में गुणस्थान संज्ञी, आहारक मार्गणा में गुणस्थान चौदह मार्गणाओं में पन्द्रह योग गति मार्गणा में योग इन्द्रिय, काय और योग मार्गणा में योग वेद, कषाय मार्गणा में योग ज्ञान मार्गणा में योग संयम मार्गणा में योग दर्शन लेश्या मार्गणा में योग भव्य, सम्यक्त्व मार्गणा में योग संज्ञी आहारक मार्गणा में योग चौदह मार्गणाओं में बारह उपयोग गति, इन्द्रिय मार्गणा में उपयोग Jain Education International For Private & Personal Use Only गाथा क्रमांक १ ४-११ ४-५ ५-६ ६-८ ८-९ १०-११ ११ ११-२० १२-१३ १३ १४ १५ १६ १६-१९ १९ २० २१-३१ २१-२२ २२-२३ २४ २४-२६ २७-२८ २९ ३०-३१ ३१ ३२-४२ ३२ पृष्ठ क्र. १-२ २ २-३ ३-११ ३-५ ४-६ ६-८ ७-९ ९-१० १०-११ ११-१९ ११-१२ १२-१४ १४-१५ १५-१८ १७-१८ १८-१९ १९-२८ १९-२० २०-२१ २१-२२ २१-२४ २४-२५ २६ २६-२८ २७-२८ २८-३६ २८ २९ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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