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धन्यवाद के साथ स्वीकार.
इन शीघ्रबोध भाग ६-७-८-६-१० वा की छपाइमें जीन ज्ञानप्रेमियों ने द्रव्य सहायता दे श्रपनि चल लक्ष्मी का सदू उपयोग कीया है उसे सहर्ष स्वीकार कर धन्यबाद दीया जाता है अन्य सज्जनों को भी चाहिये की इस ' ज्ञानयुग' के अन्दर सर्व दानोमें श्रेष्ठ ज्ञान दान कर पनि चल लक्ष्मी को चल बनावे किम-धिकम् द्रव्यसहायकों की शुभ नामावली । (२५१) शाहा रावतमलजी मुलतानमलजी बोथरा मु. नागोर - २५१) शाहा बादरमलजी - सागरमलजी समदडीया मु. नागोर -२०१) शाहा लाभचन्दजी जवरीमलजी खजांनची मु. नागोर - - ५१ ) शाहा शिबलालजी जेठमलजी बांठीया मु. नागोर - ३४५) श्री सुपनोंकी श्रावांदानीके
- १५१) श्री भगवतीसूत्रादि पूजाकी श्रावन्द के
१२५०)
भावनगर - घी 'आनंद' प्रीन्टींग प्रेसमे शा. गुलाबचंद लल्लुभाइने छापा.