Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 26
________________ केषाम् केषु काः ष० कस्य कयोः स० कस्मिन् कयोः (२४) 'किम्' सर्वनाम - स्त्रीलिङ्ग [.. 36] (सर्वावत्) प्र० का काः द्वि० काम् कया काभ्याम् काभिः कस्यै काभ्याम् काभ्यः कस्याः काभ्याम् काभ्यः कस्याः कयोः कासाम् स० कस्याम् कयोः कासु (२५) 'यद्' सर्वनाम - पुंलिङ्ग [. 35] (सर्ववत्) यान् प्र० यः द्वि० यम् तृ० येन च० यस्मै पं० यस्मात् ष० यस्य ૧૪ ___ यौ याभ्याम् याभ्याम् याभ्याम् ययोः येभ्यः येभ्यः येषाम् - શદ-રૂપાવલી Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128