Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

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Page 99
________________ (७) 'नृत्' धातु ४ थो गण परस्मैपद (नाथ) वर्तमानकाल [4. 9] द्वि.व. प्र. पु. द्वि.पु. तृ. पु. प्र.पु. द्वि.पु. तृ. पु. प्र.पु. द्वि.पु. तृ. पु. खे.व. नृत्यामि नृत्यसि नृत्यति प्र. पु. द्वि.पु. नृत्याव: नृत्यथः नृत्यतः ह्यस्तन भूतकाल अनृत्यम् अनृत्याव अनृत्याम अनृत्यः अनृत्यतम् अनृत्यत अनृत्यत् अनृत्यताम् अनृत्यन् विध्यर्थ काल नृत्येयम् नृत्येव नृत्येः नृत्येतम् नृत्येत् नृत्येताम् आज्ञार्थ काल नृत्यानि नृत्य तृ. पु. नृत्यतु ધાતુ-રૂપાવલી Jain Education International 2560 P0vate & Personal Use Only ज.व. नृत्यामः नृत्यथ नृत्यन्ति नृत्याव नृत्यतम् नृत्यताम् नृत्येम नृत्येत नृत्येयुः नृत्याम नृत्यत नृत्यन्तु ८७ www.jainelibrary.org

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