Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan
View full book text
________________
स० दाम्नि, दामनि दाम्नोः
दामसु सं० हे दाम ! दामन् ! हे दाम्नी, दामनी! हे दामानि ! मा शत "जन्मन्, नामन्, पर्व, वेश्मन्' विगैरे शहोना
३५ो थशे. (१०५) 'अन्' अंत - स्त्रीलिङ्ग 'सीमन्' शब्द [47 प्र० सीमा सीमानौ सीमानः द्वि० सीमानम् सीमानौ
सीम्नः तृ० सीम्ना
सीमभ्याम् सीमभिः सीम्ने सीमभ्याम् सीमभ्यः सीम्नः
सीमभ्याम् सीमभ्यः
सीम्नोः सीम्नाम् स० सीम्नि, सीमनि सीम्नोः सं० हे सीमन् ! हे सीमानौ ! हे सीमानः ! (१०६) 'अन्' अंत - पुंलिङ्ग आत्मन्' शब्द [47] प्र० आत्मा आत्मानौ आत्मानः द्वि० आत्मानम् आत्मानौ
आत्मनः १ अन् न। 'अ' पूर्व म् व् सन्तवाणो संयुक्त व्य न होय तो अन् न अ नो लोप थती नथी. / जन्मन् पर्वन्
शE-३पावली
सीम्नः
सीमसु
-
Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128