Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

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Page 57
________________ ष० स० सं० - कार्यस्य कार्ये हे कार्य ! (८०) य ( कृत्य) प्रत्ययान्त ( विध्यर्थकृदन्त ) नपुं. 'कार्य' शब्द ( कमलवत्) [4. 45] कार्याणि कार्याणि कार्यै: कार्येभ्यः कार्येभ्यः कार्याणाम् कार्येषु हे कार्याणि ! प्रo कार्यम् द्वि० कार्यम् कार्येण कार्याय कार्यात् ष० कार्यस्य स० कार्ये सं० हे कार्य ! तृ० च० पं० कार्ययोः कार्ययोः हे कार्यों ! प्र० कार्या द्वि० कार्याम् कार्ये कार्ये कार्याणाम् कार्येषु कार्याः ! कार्याभ्याम् कार्याभ्याम् कार्याभ्याम् कार्ययोः कार्ययोः हे कार्ये ! (८१) य ( कृत्य) प्रत्ययान्त ( विध्यर्थकृदन्त ) स्त्रीलिङ्ग 'कार्या' शब्द ( मालावत् ) [ 4. 45] कार्ये कार्ये कार्याः कार्याः શબ્દ-રૂપાવલી Jain Education International 2800 0brate & Personal Use Only www.jainelibrary.org ૪૫

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