Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

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Page 69
________________ सं० हे धेनुमति ! हे धेनुमत्यौ ! हे धेनुमत्यः ! मे४ प्रमाणे 'वृक्षवत्' ना ३५ो थशे. (१००) 'त्व' प्रत्ययान्त (मात्र नपुं.) - 'देवत्वम्' शब्द (कमलवत्) [. 46] प्र० देवत्वम् देवत्वे देवत्वानि द्वि० देवत्वम् देवत्वे देवत्वानि तृ० देवत्वेन देवत्वाभ्याम् देवत्वैः च० देवत्वाय देवत्वाभ्याम् देवत्वेभ्यः देवत्वात् देवत्वाभ्याम् देवत्वेभ्यः देवत्वस्य देवत्वयोः देवत्वानाम् स० देवत्वे देवत्वयोः देवत्वेषु सं० हे देवत्व ! हे देवत्वे ! हे देवत्वानि ! (१०१) 'ता' प्रत्ययान्त (मात्र - स्त्रीलिङ्ग) ___ 'शुक्लता' शब्द (मालावत्) [.. 46] प्र० शुक्लता शुक्लते शुक्लताः द्वि० शुक्लताम् शुक्लते शुक्लताः तृ० शुक्लतया शुक्लताभ्याम् शुक्लताभिः શબ્દ-રૂપાવલી ५७ - - - Jain Education international 2BOORowate&Personal Use Only www.jainelibrary.org

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