Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 62
________________ (८८) 'इष्ठ' प्रत्ययान्त - पुंलिङ्ग (पटु+इष्ठ) 'पटिष्ठ' शब्द (बालवत्) [41. 46] प्र० पटिष्ठः पटिष्ठौ पटिष्ठाः द्वि० पटिष्ठम् पटिष्ठौ पटिष्ठान् पटिष्ठेन पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठैः पटिष्ठाय पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठेभ्यः पं० पटिष्ठात् पटिष्ठाभ्याम् पटिठेभ्यः ष० पटिष्ठस्य पटिष्ठयोः पटिष्ठानाम् स० पटिष्ठे पटिष्ठयोः पटिष्ठेषु सं० हे पटिष्ठ ! हे पटिष्ठौ ! हे पटिष्ठाः ! (८९) 'इष्ठ' प्रत्ययान्त - न. (पटु+इष्ठ) 'पटिष्ठ' शब्द (कमलवत्) [41. 46] प्र० पटिष्ठम् पटिष्ठे पटिष्ठानि द्वि० पटिष्ठम् पटिष्ठानि तृ० पटिष्ठेन पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठैः च० पटिष्ठाय पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठेभ्यः पं० पटिष्ठात् पटिष्ठाभ्याम् पटिष्ठेभ्यः पटिष्ठे ५० શબ્દ-રૂપાવલી) Jain Education International 2000 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128