Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

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Page 39
________________ (४९) ह्रस्व उकारान्त पुंलिङ्ग-'भानु' शब्द [.. 37] भानू भानून् प्र० भानुः भानू भानवः भानुम् तृ० भानुना भानुभ्याम् भानुभिः च० भानवे भानुभ्याम् भानुभ्यः पं० भानोः भानुभ्याम् भानुभ्यः भानोः भान्वोः भानूनाम् स० भानौ भान्वोः भानुषु सं० हे भानो ! हे भानू ! हे भानवः । भारीते साधु, शिशु, प्रभु-वसु-वायु-गुरु-ऋतु,विष्णु, इषु, तरु, रिपु वगेरे शहोन। ३५ो थशे. (५०) ह्रस्व उकारान्त नपुं. - 'मधु' शब्द [.. 38] प्र० मधु द्वि० मधु मधुनी तृ० मधुना मधुभ्याम् मधुभिः च० मधुने मधुभ्याम् मधुभ्यः पं० मधुनः मधुभ्याम् मधुभ्यः मधुनी मधूनि मधूनि શબદ-રૂપાવલી Jain Education International 2500 Pobrate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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