Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

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Page 49
________________ सती: (६६) कर्तरि वर्तमान कृदन्त ('अस्' धातु) सत्+ई = सती - स्त्रीलिङ्गः (नदीवत्) [५. 40] प्र० सती सत्यौ सत्यः द्वि० सतीम् सत्यौ सत्या सतीभ्याम् सतीभिः च० सत्यै सतीभ्याम् सतीभ्यः सत्याः सतीभ्याम् सतीभ्यः सत्याः सत्योः सतीनाम् सत्याम् सत्योः सतीषु सं० हे सति ! हे सत्यौ ! हे सत्यः ! (६७) तवत् (क्तवतु) प्रत्ययान्त कर्तरिभूत कृदन्त - पुंलिङ्ग (नी+तवत्) 'नीतवत्' शब्द [.. 45] प्र० नीतवान् नीतवन्तौ द्वि० नीतवन्तम् नीतवन्तौ नीतवतः तृ० नीतवता नीतवद्भ्याम् नीतवद्भिः च० नीतवते नीतवद्भ्याम् नीतवद्भ्यः (AGE-३पावली 30 नीतवन्तः Jain Education International 2BODForate & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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