Book Title: Shabdarupavali
Author(s): Rushabhchandrasagar
Publisher: Purnanand Prakashan

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Page 37
________________ च० पं० ष० स० कस्यायपि कस्या अपि कस्या अपि कस्यामपि (४६) ह्रस्व इकारान्त पुंलिङ्ग - 'मुनि' शब्द [4. 37] मुनी मुनी प्र० मुनिः द्वि० मुनिम् तृ० मुनिना च० मुनये पं० मुनेः ष० स० सं० काभ्यामपि काभ्योऽपि काभ्यामपि काभ्योऽपि कयोरपि कासामपि कयोरपि कास्वपि मुनेः मुनौ हे मुने ! मुनिभ्याम् मुनिभ्याम् मुनिभ्याम् मुन्योः मुन्योः हे मुनी ! मुनयः मुनीन् मुनिभिः मुनिभ्यः मुनिभ्यः मुनीनाम् मुनिषु हे मुनयः ! आ रीते कवि, गिरि, कपि, रवि, अवधि, जलनिधि, राशि, पाणि विगेरे शब्दोना ३पो थशे. (४७) ह्रस्व इकारान्त नपुं. - 'वारि' शब्द [4. 38] प्रo वारि वारिणी वारीणि શબ્દ-રૂપાવલી Jain Education International 2860 P0rate & Personal Use Only www.jainelibrary.org ૨૫

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